कानपुर (एडीएनए)।
पाकिस्तान हो या फिर कोई भी दुश्मन देश। अब उनकी खैर नहीं। क्योंकि भारतीय जवान सीमा से 100 किमी दूर तक बने आतंकी या दुश्मन के सैनिकों के ठिकाने को नेस्तनाबूत कर देंगे। इसके लिए न तो किसी भारतीय सैनिक को जाना होगा और न ही एयरफोर्स के जाबांज फाइटर पायलट को। यह काम करेगा कानपुर का बना आत्मघाती ड्रोन। आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा आत्मघाती ड्रोन विकसित किया है, जो दुश्मन सीमा में 100 किमी घुसकर कई किमी के क्षेत्र को बर्बाद कर देगा। ड्रोन को 100 किमी की दूरी तय करने में सिर्फ 50 मिनट का समय लगेगा। इस आत्मघाती ड्रोन की खासियत है कि इसे दुश्मन देश के रडार भी नहीं पकड़ पाएंगे। क्योंकि इस ड्रोन को स्टेल्ड टेक्नोलॉजीसे बनाया गया है।
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रो. सुब्रमण्यम सडरेला की टीम ने यह आत्मघाती ड्रोन विकसित किया है। यह दो मीटर लंबा फोल्डेबल फिक्स्ड विंग वाला ड्रोन है। यह 100 मीटर से साढ़े चार किमी की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। प्रो. सडरेला ने बताया कि यह ड्रोन पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक पर काम करेगा। ड्रोन की विंग में कैमरे और इंफ्रारेड सेंसर लगे हैं। इसे कैटपल्ट या कैनिस्टर लांचर से लांच किया जा सकता है। एआई तकनीक के कारण यह ड्रोन जीपीएस ब्लॉक होने के बाद भी टॉरगेट को तबाह करने में सक्षम है। यह आत्मघाती ड्रोन विशेष अल्गोरिदम पर चलता है, जिससे यह खुद भी फैसला लेने में सक्षम है। इसे बेस स्टेशन से रिमोट से भी नियंत्रित किया जा सकता है। इस आत्मघाती ड्रोन की खासियत है कि यह दिन और रात दोनों में उड़ान भरने में सक्षम है।