नई दिल्ली (एडीएनए)।
अमेरिकी वायुसेना के बेड़े में शामिल एफ-16 लड़ाकू विमान दुनियाभर के 20 से अधिक देशों की वायुसेनाओं में अपनी जगह बना रखी है। इस बॉम्बर बमवर्षक विमान की खासियतें ही उसे अहम बनाती हैं। आइए जानते हैं इस बॉम्बर में क्या है खास।
साल 1972 में एफ-16 फाइटिंग फॉल्कन को संयुक्त राज्य अमेरिका ने हल्के और एयर-टू-एयर फाइटर के लिए ऑर्डर पर तैयार कराया था। यह सभी मौसमों में लड़ने में सक्षम है। जमीनी हमले के लिए यह सबसे ज्यादा कारगर है। अमेरिका वायुसेना ने 1978 में पहली डिलिवरी ली थी। इसमें दो साइडवाइंडर हवा से हवा में मार करने वाली घातक मिसाइलें लैस की गई हैं। इनमें कम से कम दो हजार पाउंड का बम भरकर उड़ने की क्षमता विकसित की गई है। एफ-16 बॉम्बर के हर पंख पर एक सहायक ईंधन टैंक लगाया गया है। इस विमान को फाइटिंग फाल्कन भी कहा जाता है।
यह सिंगल सीट और सिंगल जेट फाइटर है जिसे जनरल डायनेमिक्स कॉरपोरेशन ने संयुक्त राज्य अमेरिका और एक दर्जन से अधिक अन्य देशों के लिए बनाया है। 1982 में इजरायल और सीरिया के बीच संघर्ष और 1990-91 में फारस खाड़ी युद्ध में यह बॉम्बर प्रभावी साबित रहा। यह दो तरीके से युद्धों में शामिल रहा। एक तो हवा से हवा में मार करने में यह सक्षम है और दूसरा जमीनी हमले में यह बेजोड़ है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अगर बात की जाए तो इस विमान की मांग अन्य लड़ाकू विमानों की अपेक्षा सबसे ज्यादा है।