नई दिल्ली (एडीएनए), 09 जून 2025।आज इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। दुनिया का पहला पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कमर्शियल प्लेन "EP-1" सफलतापूर्वक न्यूयॉर्क के जॉन एफ. कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। यह उड़ान लॉस एंजेलिस से न्यूयॉर्क तक की थी और इसने बिना किसी कार्बन उत्सर्जन यह सफर पूरा किया। इस उड़ान ने न केवल पर्यावरण-अनुकूल तकनीक की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है, बल्कि भविष्य की उड़ानों के स्वरूप को भी बदलने का संकेत दिया है।
क्रांतिकारी तकनीक
EP-1 को ग्रीन एविएशन टेक्नोलॉजी ने विकसित किया है, जो लिथियम-एयर बैटरी पर चलता है। आने वाले समय में इस प्लेन में 180 यात्री सफर कर सकेंगे और यह पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में 60% कम शोर करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से जीरो-एमिशन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मददगार साबित होगी।
यात्रियों का अनुभव
इस ऐतिहासिक उड़ान में सवार एक यात्री पर्यावरण कार्यकर्ता के अनुसार उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वह एक दिन बिना प्रदूषण फैलाए हवाई यात्रा कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि यह भविष्य की झलक है। पायलट ने कहा, "इलेक्ट्रिक प्लेन चलाना एक सपने जैसा है। यह न सिर्फ शांत है, बल्कि ईंधन की लागत भी बहुत कम है।"
भविष्य की उड़ानें
EP एयरलाइंस ने घोषणा की है कि अगले पांच सालों में वे 50 और इलेक्ट्रिक प्लेन लॉन्च करेंगी, जो एशिया और यूरोप के बीच उड़ान भरेंगे। भारत में भी मुंबई और दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक फ्लाइट्स जल्द ही शुरू हो सकती हैं।
क्या यह विमानन क्रांति है
विशेषज्ञों का मानना है कि EP-1 की सफलता ने सस्टेनेबल एविएशन का रास्ता खोल दिया है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो अगले दशक तक हर तीसरा-चौथा प्लेन इलेक्ट्रिक होगा।
पहली उड़ान का विवरण
· उड़ान संख्या: EP-001
· एयरलाइन: एयरोवोल्ट एविएशन
· रूट: वॉशिंगटन डीसी से न्यूयॉर्क JFK एयरपोर्ट
· यात्रा अवधि: लगभग 1 घंटा 10 मिनट
· बैठने की क्षमता: 30 यात्री
· ऊर्जा स्रोत: 100% बैटरी संचालित, शून्य कार्बन उत्सर्जन