नई दिल्ली (एडीएनए)।
पायलटों के लिए रेडियो संचार परीक्षा में गड़बड़ियों और मनमानी की शिकायतों के बाद डीजीसीए ने अब खुद परीक्षा आयोजित कराने का फैसला किया है। यह परीक्षा नवंबर से आयोजित कराने की उम्मीद है।
पायलटों, एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस इंजीनियरों और फ्लाइट डिस्पैचरों को लाइसेंस के लिए ली जाने वाली परीक्षा का संचालन नवंबर से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के पास से छिन जाएगा। इसके बाद परीक्षा डीजीसीए के प्रशासनिक नियंत्रण में आ जाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार इच्छुक उम्मीदवारों के रेडियो संचार कौशल के परीक्षण के लिए डीजीसीए नवंबर से परीक्षा आयोजित करेगा। इस कदम से पायलट उम्मीदवारों और अन्य कर्मियों के लिए एकल खिड़की सुनिश्चित होगी और परीक्षा की प्रक्रिया सुचारू रूप से होने लगेगी।
पायलटों में इस परीक्षा को लेकर लंबे समय से भय था, क्योंकि इसमें कथित तौर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता रहा है। कुछ पायलयों ने समय-समय पर इसकी शिकायतें भी की हैं। कुछ पायलट तो परीक्षा के लिए विदेश चले जाते हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारी ने नाम न देने की शर्त पर बताया कि अभ्यर्थियों से विमानन या रेडियो संचार से संबंधित सवाल नहीं पूछे जाने की शिकायतें मिलती रही हैं,। मंत्रालय ने अब आरटीआर परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित करने के लिए एक समिति बनायी है।
डीजीसीए फिलहाल देश में पांच केंद्रों दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई में परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, जैसे-जैसे अपना बुनियादी ढांचा तैयार होगा इसे अन्य शहरों में भी ले जाने की योजना है। शुरुआत में, यह तीन महीने में एक बार आयोजित होगी, बाद में हर दो महीने में एक बार परीक्षा कराई जाएगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और विधि मंत्रालय के बीच परीक्षा के संचालन को नियंत्रित करने वाले नियमों पर दो दौर परामर्श किया है। उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें अधिसूचित कर दिया जाएगा। नियम परीक्षा प्रक्रिया, इसकी फीस संरचना, शिकायत निवारण तंत्र सब कुछ तैयार किया जा रहा। गलत काम करने पर उम्मीदवार को परीक्षा से वंचित करने का प्रावधान भी होगा।