Breaking News
अमेरिका के कैलीफोर्निया में दुनिया का सबसे आधुनिक माना जाने वाला एफ-35 फाइटर जैट क्रैश   ब्रिटेन के एयर ट्रैफिक कंट्रोल में आयी खराबी, 100 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल   मुंबई से वाराणसी जा रहे विमान के यात्रियों ने हंगामा किया, वीडियो वायरल। तकनीकी खराबी से उड़ान में देरी पर यात्री भड़क गए। यात्रियों ने कहा सही जानकारी नहीं दी गई, एयर हॉस्टेज ने हाथ जोड़कर यात्रियों को शांत कराया।   अमेरिका में बड़ा विमान हादसा......अमेरिकन एयरलाइंस के बोइंग में 737 में लैंडिंग गियर में लगी आग.. 173 यात्री और 6 क्रू मेंबरों को स्लाइडिंग गेट से बाहर निकाला गया।   मुंबई में बड़ा लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसल गया एअर इंडिया का विमान...तीनों टायर फटे..बचा बड़ा हादसा  

शुभांशु शुक्ला यानी भारत का अंतरिक्ष हीरो

नई दिल्ली (एडीएनए)।

लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला के सपने आसमान से भी ऊँचे थे। बचपन से ही वह रातों को तारों को निहारते हुए सोचते थे, "क्या मैं एक दिन इन तारों के बीच पहुँच पाऊँगा"। कल यानी 11 जून 2025 को न केवल उनका सपना पूरा होने वाला है बल्कि वह भारत के लिए इतिहास रचने वाले हैं। पहले उनका मिशन 10 जून को शुरू होना था लेकिन खराब मौसम के कारण इसे एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। स्पेश से वह प्रधानमंत्री मोदी से बात कर सकते हैं, जिसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। शुभांशु शुक्ला की आंतरिक्ष यात्रा को लेकर लखनऊ और यूपी ही नहीं पूरा देश उत्साहित है।  

 फाइटर जेट उड़ाने वाले 39 साल के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को एक्सिओम-4 मिशन के लिए चुना गया है। वह बुधवार को कैनेडी स्पेश सेंटर से तीन अन्य सदस्यों के साथ अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगे। इंटरनेशनल स्पेश मिशन में जाने वाले वह पहले भारतीय होंगे, जबकि अंतरिक्ष में जाने वाले राकेश शर्मी के बाद वह दूसरे भारतीय होंगे। शुभांशु शुक्ला 14 दिन अंतरिक्ष में रहेंगे और अपने देश के लिए विभिन्न रिसर्च करेंगे जो भविष्य में भारत से अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बहुत उपयोगी होंगे। इससे पहले वह भारत के पहले मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने गए थे।   

सपनों की नींव
शुभांशु के पिता स्कूल शिक्षक थे और मां घर संभालती थीं। पैसों की तंगी के बावजूद उन्होंने हमेशा उसके सपनों को पंख दिए। 10वीं की पढ़ाई के दौरान ही उन्हंने ISRO के मिशनों के बारे में पढ़ा और ठान लिया कि वह अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। IIT प्रवेश परीक्षा में सफलता के बाद उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग को चुना। उनकी मुलाकात डॉ. राजीव मिश्रा से हुई जिन्होंने उन्हें ISRO के युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम से जोड़ा।

संघर्ष और सफलता
2018
में शुभांशु ने ISRO में प्रवेश किया। चंद्रयान-3 मिशन में उनके योगदान को सराहा गया, लेकिन उनका लक्ष्य अंतरिक्ष में जाना था। 2022 में NASA और ISRO के संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुने जाने पर उनके सपने को पंख लगे।

रोमांचक पल
प्रशिक्षण के दौरान शून्य गुरुत्वाकर्षण (Zero-G) टेस्ट में उनका स्पेससूट फट गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

ऐतिहासिक उड़ान
15
अगस्त 2024 को ISRO ने "गगनयान-मिशन" की घोषणा की। शुभांशु को मुख्य यात्री चुना गया तब उनकी माँ ने उन्हें हाथ से बना लड्डू दिया और पिता ने गीता की एक प्रति दी।

भारत के लिए गौरव

शुभांशु की यह उड़ान भारत के लिए एक गौरव का क्षण है। वे ना केवल देश का प्रतिनिधित्व करेंगे, बल्कि भारतीय युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरेंगे। उनकी इस उपलब्धि से भारत में निजी अंतरिक्ष यात्रा, युवाओं की भागीदारी और विज्ञान शिक्षा को नई दिशा मिलेगी।

Sign up for the Newsletter

Join our newsletter and get updates in your inbox. We won’t spam you and we respect your privacy.