नई दिल्ली (एडीएनए)।
वैसे तो ड्रीमलाइनर आधुनिक तकनीक और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है, लेकिन अहमदाबाद में इसके क्रैश होने के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। ब्लैक बाक्स और डीवीआर मिलने के बाद इसकी जांच में तेजी आएगी और पता चलेगा कि इतना विश्वसनीय क्यों और कैसे क्रैश हुआ। जांच में पता चलेगा कि विमान में कोई तकनीकी खराबी थी या पायलट ने कोई गलती की, इसके लिए देश के अलावा अमेरिका और ब्रिटेन की टीमें भी पहुंच चुकी हैं, लेकिन इससे पहले उन सारे ड्रीमलाइनर विमानों की जांच होगी जो उड़ान भर रहे हैं।
डीजीसीए 15 जून से सभी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का सुरक्षा परीक्षण शुरू करेगा। फिलहाल डीजीसीए ने जेनएक्स इंजन वाले बोइंग 787-8 व 787-9 विमानों पर अतिरिक्त रखरखाव के निर्देश दिए हैं। डीजीसीए इतने बड़े हादसे के बाद ड्रीमलाइनर को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता बेड़े के सभी विमानों का कई स्तर पर परीक्षण के बाद इनको हरी झंडी मिलेगी, इसके बाद भी इनकी नियमित जांच को बढ़ाने का फैसला किया गया है।
एय़र इंडिया के पास 26 ड्रीमलाइनर
भारत में 26 ड्रीमलाइनर का इस्तेमाल प्रमुख रूप से एयर इंडिया ही करती है। एयर इंडिया वर्तमान में 787-8 माडल के 26 विमान इस्तेमाल कर रही है। इनका उपयोग देश के बड़े शहरों के अलावा कई प्रमुख देशों की सीधी उड़ानों के लिए किया जा रहा है। हाल में एयर इंडिया ने अपने अन्तर्राष्ट्रीय उड़ान नेटवर्क में तेजी बढ़ेत्तरी कीी है, इस हादसे के बाद उसकी विस्तार योजना को झटका लग सकता है।
एयर इंडिया ने दिया था 290 विमानों का ऑर्डर
साल 2023 में बोइंग को एयर इंडिया ने 290 विमानों का ऑर्डर दिया था। इनमें 20 बोइंग-787 ड्रीमलाइनर के विभिन्न मॉडल के विमान शामिल थे। समझौते की अनुमानित लागत करीब छह लाख करोड़ है।