नई दिल्ली (एडीएनए)।
इजरायल और ईरान के बीद युद्ध हर दिन और भयंकर होता जा रहा है, इजरायल के ताबड़तोड़ हमले के बाद ईरान ने शनिवार और रविवार को जवाबी कार्रवाई कर इजरायल में तबाही मचा दी। जैसे-जैसे युद्ध बढ़ रहा है दुनिया के देश दो पक्षों में बंटते जा रहे हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को धमकी दी कि इजरायल में रह रहे किसी अमेरिकी को कुछ बी नुकसान हुआ तो बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इजरायल के अब तक के हमलों में ईरान के 20 टाप कमांडर, कई परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। इसके अलावा इजरायल ने परमाणु हेडक्वार्टर, न्यूक्लियर रिसर्ट सेंटर, रक्षा मंत्रालय हेड क्वार्टर, फारस की खाड़ी के नजदीक गैस रिफायनरी पर हमले के साथ एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर दिया है। जबाव में ईरान ने मिसाइलों से हमला किया जिससे तेल अवीव में भारी तबाही हुई है। दोनों के जवाबी हमले में तेस अवीव और तेहरान दोनों जल रहे हैं। ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायल के दो लड़ाकू विमान मार गिराए हैं और उसके रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया है।
परमाणु युद्ध का खतरा, कई देशों ने दी ईरान को चेतावनी
इजरायल-ईरान में जंग के बीच दुनिया के तमाम देश दो पक्षों में बंट गए हैं। परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ने के साथ कई देशों ने ईरान को चेतावनी दे डाली है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके जहां खुलकर इजरायल के पक्ष में आ गए हैं और ईरान को अपना परमाणु कार्यक्रम बंद करने की चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तो ईरान को खुली धमकी दी है कि उनके किसी व्यक्ति को जरा सा भी नुकसान हुई तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, उन्होंने कहा है कि ईरान ने जरा भी गलती की तो अमेरिका सीधी कार्रवाई करेगा। इस बीच ईरान ने भी धमकी दी है कि कोई भी देश युद्ध में शामिल हुआ तो उसको भी परिणाम भुगतने होंगे। पाकिस्तान, चीन, तुर्किये और कतर, ईरान के पक्ष में खड़े हो गए हैं। ये देश रान पर हमले का विरोध कर रहे हैं।
अमेरिका और अन्य देशों का कहना है कि ईरान परमाणु बम बना चुका है। इजरायल की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान परमाणु बम बना चुका है या बनाने के बहुत करीब है, शायद इसीलिए अमेरिकी चेतावनी के बावजूद उसने सीधे ईरान के न्य़ूक्लियर सेंटर पर हमला किया। चीन के साथ रूस भी इजरायल के खिलाफ आ सकता है, दोनों देशों के ईरान का खुला समर्थन करने से उसका परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ सकता है, इन परिस्थितियों में माना जा रहा है कि अगर युद्ध बढ़ा तो न्यूक्लियर वार के खतरे को नकारा नहीं जा सकता है।
इजरायल-ईरान दुश्मनी क्यों?
· ईरान इस्लामिक क्रांति (1979) के बाद से ही इजरायल को "शैतान" मानता है।
· ईरान, हमास, हिजबुल्लाह और सीरिया के माध्यम से इजरायल के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर लड़ता रहा है।
· इजरायल, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और उस पर हमले की धमकी देता रहा है।
2024 में बढ़ा तनाव
अप्रैल 2024 में इजरायली वायुसेना ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर पर हमला किया, जिसमें कई ईरानी कमांडर मारे गए। ईरान ने इसे "सीधा हमला" बताया और बदले की कसम खाई।
मई 2024: ईरान का पहला सीधा हमला
14 मई 2024 को ईरान ने इजरायल पर 300+ मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। इजरायल ने अमेरिकी, ब्रिटिश और जॉर्डन की मदद से 99% मिसाइलें रोकीं। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण इजरायल ने तुरंत जवाबी हमला नहीं किया।
जून 2024: इजरायल का जवाबी हमला
इजरायल ने ईरान के इस्फहान शहर में हवाई हमला किया, जहां ईरान का परमाणु और सैन्य ठिकाना है। ईरान ने हल्का नुकसान बताया, लेकिन दोनों देशों ने मामला खत्म करने का दिखावा किया।
2025: नया संकट और हालिया हालात
जनवरी 2025: हिजबुल्लाह और इजरायल का तनाव
लेबनान की हिजबुल्लाह (ईरान समर्थित) ने इजरायल पर रॉकेट दागे, इजरायल ने जवाबी हमले किए। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि यह संघर्ष बड़े युद्ध में बदल सकता है।