उत्तराखंड (एडीएनए)।
हेलीकाप्टर की सेवा देने वाल कम्पनियों ने चार धाम यात्रियों की जान खतरे में डाल दी है। हेलीकाप्टरों को टेम्पो की तरह दौड़ा रही कम्पनियों के बीच ज्यादा कमाई की होड़ लगी है। हेली कम्पनियां न समय का ध्यान रख रहीं और न मौसम का, श्रद्धालुओं की भीड़ देख यह कम्पनियां ज्यादा से ज्यादा कमाई कर लेना चाहती हैं।
केदारनाथ के पास गौरीकुंड में रविवार सुबह करीब 5.20 बजे हेलीकाप्टर खरीब मौसम के कारण क्रैश हुआ। हादसे में पायलय के साथ छह चारधाम यात्रियों की मौत हुई। उत्तराखंड सरकार की तरफ से सुबह छह बजे के बाद ही हेलीकाप्टर उड़ाने की अनुमति है, साथ ही कहा गया है कि खराब मौसम होने पर हेलीकाप्टर कतई न उड़ान भरें। गौरीकुंड में जो हेलीकाप्टर क्रैश हुआ उसने करीब पांच बजे ही उड़ान भरी यानी तय समय से एक घंटे पहले और वह भी खराब मौसम में।
हेलीपैड से हेलीकाप्टरों के उड़ान भरते समय कोई चेक प्लाइंट नहीं, न सरकार की ओर से समय देखा जाता है न मौसम के बारे में कोई निगरानी है। न तो एटीसी की कोई व्यवस्था है और न ऱडार। ज्यादा किराया वसूलने के लिए हेली कम्पनियों ज्यादा चक्कर की होड़ रहती है। हेलीपैड से पांच-पांच मिनट के अंतर में हेलीकाप्टर उड़ान भरते हैं, मतलब हेलीकाप्टर के उतरते ही यात्रियों को तुरंत उतरने के लिए कहा जाता है और पांच मिनट में ही टेम्पो की तरह यात्रियों को भर लिया जाता है। तय संख्या से अधिक यात्री हेलीकाप्टरों में बाठायी जा रही है। हादसों के बाद भी सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया जिससे लगातार हादसे होते रहे।
आठ दिन पहले ही हेलिकॉप्टर की हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में 7 जून को तकनीकी खराबी के कारण सड़क पर हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। इस दौरान हेलिकॉप्टर के पीछे का हिस्सा कार पर गिरते ही टूट गया था। उस समय सड़क पर वाहन दौड़ रहे थे, हेलीकाप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग से हड़कंप मच गया था।
8 मई को उत्तरकाशी में हेलिकॉप्टर क्रैश में 6 की मौत
आठ मई को ही उत्तरकाशी के गंगनानी में भागीरथी नदी के पास हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। हादसे में पायलट समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में बरेली की रहने वाली मां-बेटी भी थीं। इस हादसे के बाद भी सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया और लगातार हादसे जारी रहे।
17 मई को केदारनाथ में एयर एम्बुलेंस क्रैश
उत्तराखंड के केदारनाथ में 17 मई को एयर एंबुलेंस हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। हेलिकॉप्टर में तीन लोग पायलट, डॉक्टर और नर्स सवार थे, हालांकि तीनों सुरक्षित बच गए थे। यह हेलिकॉप्टर ऋषिकेश एम्स से मरीज लेने केदारनाथ जा रहा था जो लैंडिंग के वक्त अचानक बेकाबू होकर जमीन पर गिर गया था।