नई दिल्ली (एडीएनए)।
ईरान-इजराल युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान को धमकियां ही नहीं हैं। इसके लिए अमेरिका ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। विश्व को अब अमेरिका के युद्ध में कूदने का डर सता रहा है, उधर ईरान से सर्वेच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने भी अमेरिका को धमकी दे डाली है कि वह युद्ध में कूदा तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस बीच अमेरिका ने अपना यूएसएस निमित्ज विमानवाहक युद्धपोत मध्य-पूर्व के समुद्री क्षेत्र में तैनात कर दिया है। आइए जानते हैं इस युद्धपोत की खूबियां..
सैकड़ों विमानों को ले जाने में सक्षम यूएसएस निमित्ज अमेरिकी सैन्य क्षमताओं के शीर्ष पर है। यह अमेरिकी नौसेना की सातवें फ्लीट का अहम हिस्सा है। इसे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समय-समय तैनात किया जाता है। यह युद्धपोत परमाणु शक्तियों से संचालित है और इस पर तैनात लड़ाकू विमान कई देशों की कुल वायु सेना से भी अधिक हैं। बताते हैं कि, यूएसएस निमित्ज को बनाने का ऑर्डर 31 मार्च 1967 को दिया गया था। वर्जीनिया के न्यूपोर्ट न्यूज शिपबिल्डिंग ने इसका निर्माण किया। इसे बनाने की शुरुआत 22 जून 1968 को हुई और 13 मई 1972 को समुद्र में परीक्षण के लिए इसे उतारा गया। तीन मई 1975 को इस विशालकाय युद्धपोत को अमेरिका नौसेना में स्थान मिला। इसकी लंबाई 332.8 मीटर और चौड़ाई 76.8 मीटर है।
आइए जानते हैं कौन-कौन से हथियारों से लैस यह युद्धपोत
यूएसएस निमित्ज पर दो सी स्पैरो शॉर्ट रेंज एंटी एयरक्राफ्ट एंटी मिसाइल सिस्टम लगे हुए हैं। इसके अलावा दो आरआईएम-116 रोलिंग एयरफ्रेम मिसाइल सिस्टम भी इसमे लगे हैं, जो कम दूरी में सतह से हवा में मार कर सकती हैं। इसमें एक वेपन सिस्टम भी लगा हुआ है जो दुश्मन की हर मिसाइल को नष्ट करत सकता है। इसमें चार एमके-38 ऑटोकैनन मशीनगनें भी हैं जो किसी भी देश की मिसाइल को पलक झपकते मार गिरा सकती हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा और घातक हथियारों से लैश युद्धपोत माना जाता है। इस पर परमाणु हथियारों के साथ ही अत्याधुनिक सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान भी हैं। पैसेक्स नाम के एक युद्धाभ्यास में भारत की ओर से उच्च श्रेणी के चार युद्धपोतों ने हिस्सा लिया था और जिसमें भारतीय सेनाओं को इस युद्धपोत के साथ काम करने का मौका मिला था।