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ईरानी परमाणु संयंत्र को भेदने की कोशिश में इजरायल, अमेरिकी मदद की दरकार

नई दिल्ली (एडीएनए)

हफ्ते भर से जारी ईरान और इजरायल के बीच जंग में दोनों देशों के हमलों में भारी तबाही हुई है, अब यह युद्ध इसलिए और बढ़ता दिख रहा है क्योंकि दोनों देश दूसरे देशों से मदद मांग रहे हैं। दो देशों के बीच युद्ध में जैसे ही तीसरा देश कूदेगा यह तीसरे विश्व युद्ध की तरफ मुड़ जाएगी और परमाणु हमलों का खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में इजरायल जल्द से जल्द किसी भी तरह ईरान से परमाणु कार्यक्रम को नेस्तनाबूद कर देना चाहता है।

एक ओर इजरायल जहां अपनी उत्कृष्ट सैन्य क्षमताओं का प्रयोग कर रहा है तो वहीं ईरान ने भी अपनी सबसे अत्याधुनिक मिसाइल फतह-1 के बलबूते मैदान पर टिका हुआ है। इजरायल, ईरानी परमाणु संयत्रों को भेदने की कोशिश में लगा है हालांकि अभी तक उसे सफलता नहीं है। जानकार बताते हैं कि ईरानी परमाशु संयत्र जमीन के 90 मीटर नीचे बना है और इजरायली मिसाइलें अभी तक उसे कोई विशेष क्षति नहीं पहुंचा पाई हैं। हालांकि रिसर्च सुविधाओं और इंफ्रास्टक्चर को कुछ नुकसान जरूर पहुंचा है। ईरान ने अपने एक वक्तव्य में कहा कि उसके पास मौजूद सैकड़ों पाउंड यूरेनियम सुरक्षित हैं।

आइए जानते हैं कितना शक्तिशाली है फोर्डो परमाणु केंद्र

सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात इजरायल ने ईरान के जिस परमाणु केंद्र पर मिसाइलें बरसाईं वह फोर्डो परमाणु केंद्र कोम शहर से 20 मील दूर एक पहाड़ी के अंदर बनाया गया है। इसे किसी भी बमबारी में तोड़ना मुश्किल है। इसकी सुरक्षा इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्म्स के जिम्मे हैं। पहाड़ों के अंदर गहराई से खुदा हुआ यह परमाणु संयंत्र जमीनी सतह से 90 मीटर नीचे है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की सुरक्षा एजेसियों ने इसकी जानकारी साल 2009 में दुनिया को दी थी। इसके केंद्र में करीब 60 प्रतिशत तक यूरेनियम बन चुका है।

अमेरिका के बंकर-बस्टर कर सकते हैं नष्ट

जानकार बताते हैं कि इजरायल के पास ऐसे बमवर्षक विमान या मिसाइलें नहीं है जिनसे ईरान के तगड़े सुरक्षा घेरे वाले फोर्डो परमाणु संयत्र को नष्ट किया जा सके। हालांकि अमेरिका के बंकर-बस्टर ऐसा कर सकते हैं। इस बम को गिराने के लिए स्पेशल बी-टू बमवर्षक विमान चाहिए जो सिर्फ अमेरिका के पास ही हैं। अमेरिका की एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस लड़ाई में अमेरिका सीधे तौर पर नहीं आना चाहता। परोक्ष रूप से तो इजरायल के साथ है लेकिन अभी तक प्रत्यक्ष रूप से उसने इस लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया। यही कारण है कि अमेरिका ने अभी तक इजरायल को अपने बंकर-बस्टर इजरायल को नहीं दिए।

 क्या है बंकर-बस्टर की खासियतें

अमेरिका के पास बंकर-बस्टर बम हैं जिनसे ईरान के अतिसुरक्षित फोर्डो परमाणु को नष्ट किया जा सकता है। इन बमों के जरिए 61 मीटर तक जमीन के अंदर घुसकर विस्फोट किया जा सकता है। इस बम को ले जाने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैश स्पेशल बी-टू बॉम्बर सिर्फ अमेरिका के पास हैं और इसकी मदद से बंकर-बस्टर को लाया ले जाया सकता है। यह बमवर्षक विमान 13,600 किलो वजन लेकर चल सकता है। 18,500 किमी तक उड़ने में सक्षम इस लड़ाकू विमान में हवा में फ्यूल भरा जा सकता है। पूर्व में इस बी-2 बॉम्बर के द्वारा दो जीबीयू-57 एक साथ गिराने का परीक्षण भी हो चुका है। अमेरिका का जीबीयू-57 ही एकमात्र गैर परमाणु बम है जो ईरान के परमाणु प्लांट को तबाह कर सकता है।

इजरायली मिसाइलों से आया भूकंप पर परमाणु संयंत्र सुरक्षित

इजरायल ने ईरान पर अत्याधुनिक क्षमताओं से लैश मिसाइलों से हमला बोला है। मिसाइलों की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हमले के बाद आसपास के इलाकों में भूकंप तक आ गया, लेकिन ईरान के परमाणु संयंत्रों को कोई विशेष क्षति नहीं आई।

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