नई दिल्ली (एडीएनए)
2025 को तड़के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल (Truth Social) पर घोषणा की कि ईरान और इजरायल के बीच 12‑दिन से चली आ रही जंग में सीजफायर पर सहमति बन गई है, जो छह घंटे बाद लागू होगा और 12 घंटे तक चलेगा। ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक और महान जीत करार दिया,जिससे मध्य पूर्व में तबाही रुकेगी।
ईरान ने हमला जारी रखा
सीजफायर की घोषणा के बावजूद, ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमले जारी रखे। इजरायल की सेना ने कहा कि बीयर्सेबा में एक इमारत पर मिसाइल लगी और कम से कम तीन लोग मारे गए ।ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि सीजफायर तभी होगा जब इजरायल अपने हमले रोक दे, उनका कहना था कि ईरान मनमाने हमलों के खिलाफ किसी भी तरह की गैरकानूनी आक्रामकता का जवाब देगा।
क्षेत्रीय और वैश्विक तनाव
ईरान ने क़तर के अल उदैद एयरबेस पर भी मिसाइल दागीं, प्रारंभ में अलर्ट भी जारी हुआ लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। इजरायल ने भी इराक और ईरान के भीतर के ठिकानों पर हवाई हमले जारी रखे,इनमें ईविन जेल, फोर्डो नाभिकीय सुविधा और कई सैन्य ठिकाने शामिल थे ।
सीजफायर का पालन और उसकी सच्चाई
ट्रंप की घोषणा के साथ सीजफायर मौखिक रूप में हुआ है, लेकिन दोनों ओर से हमले जारी हैं, अब सवल यह है कि क्या इजरायल वाकई अपने हमलों को स्थायी रूप से रोकेगा?
सैन्य संतुलन और क्षति आकलन
इजरायली और अमेरिकी हमलों ने इरान के मिसाइल और नाभिकीय ढांचे को ठोस क्षति पहुँचाई । इससे ईरान की मिसाइल क्षमता सीमित हो सकता है, हालांकि, उसके पास अभी भी ढेरों मिसाइलें और ड्रोन उपलब्ध हैं।
5. दीर्घकालिक जोखिम और समाधान मार्ग
यदि वार्ता शुरू होती है, तो संभव है नाभिकीय कार्यक्रम, मिसाइल नियंत्रण, और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। रूस-चीन-ईयू-यूएन जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिएटर की भूमिकाएँ प्रमुख होंगी। पर, यदि सैनिक गतिविधियाँ अचानक बढ़ती हैं तो क्षेत्र में और अधिक हिंसा का खतरा बढ़ेगा। अगले कुछ दिन तय करेंगे कि यह ट्रंप की घोषणा केवल एक कूटनीतिक रणनीति बनकर रह जाएगी, या वास्तविक स्थिरता और दीर्घकालिक व्यवस्था की शुरुआत होगी।