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आइए जानते हैं ईरान के जखीरे में कितने हथियार

नई दिल्ली (एडीएनए)।

12 दिन से ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग में दोनों देशों ने अपने आधे से ज्यादा आयुध भंडार खाली कर दिए। दोनों ओर से आधुनिक मिसाइलें और बम बरसाए गए। ईरान ने अपने हथियारों के जरीखे से प्रमुख हथियारों का प्रयोग किया, आइए जानते हैं इनके बारे में..

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में मिसाइल थ्रेट प्रोजेक्ट की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पास हजारों बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें हैं। सभी की मारक क्षमता भी अलग-अलग है। हालांकि इनकी सटीक संख्या की जानकारी नहीं है। अमेरिकी के एक सैन्य अफसर के हवाले से बताया गया था कि ईरान के पास तीन हजार से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।

हज कासेम मिसाइल : ईरान ने इजरायल पर सबसे ज्यादा हज कासेम मिसाइलें दागी हैं। इस मिसाइल को पहली बार साल 2020 में देखा गया था। ईरान का दावा है कि हज कासेम मिसाइल 14 सौ किलोमीटर की रेंज है। यह 12 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह मिसाइल अपने साथ पांच सौ किलोग्राम बारूद लेकर जाकर हमला कर सकती है। अमेरिकी हमले में मारे गए कमांडर कासिम सुलेमारी के नाम पर ही इस मिसाइल का नाम रखा गया था।

इमाद मिसाइल : पिछले साल 2024 में पहली बार दुनिया को इस मिसाइल से ईरान ने रूबरू कराया। इस मिसाइल की सबसे अहम खासियत यह है कि उड़ान के समय यह किसी भी स्थिति में अपना रास्ता बदल लेती है। किसी भी देश का डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को इंटरसेप्ट नहीं कर सकता है। 17 किमी रेंज वाली यह मिसाइल अपने साथ 750 किलो बारूद ले जाने में सक्षम है।

खेबर शेकन मिसाइल : सातवीं शताब्दी के खैबर युद्ध के नाम पर खेबर शेकर मिसाइल का नाम रखा गया था। साल 2022 में इस मिसाइल को वैश्विक समुदाय से परिचित कराया गया। इसकी मारक क्षमता 15 सौ किमी है। यह ईरान की पहली ठोस ईंधन वाली मिसाइल है। पांच किलो बारूद अपने साथ ले जाने में सक्षम है।

खोर्रमशहर मिसाइल : खोर्रमशहर ईरान के शस्त्रागार में सबसे भारी और सबसे तेज मिसाइल है। यह उत्तर कोरिया के ह्वासोंग-10 पर आधारित है। इसकी रेंज 2,000 किलोमीटर है। यह 1,500 किलोग्राम का विशाल वारहेड ले जा सकता है। यह मिसाइल अपने लक्ष्य पर 14,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हमला करती है।

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