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जानिए..फाइटर में क्य़ों लगाते हैं लाल टैग, उड़ने से पहले हटाना क्यों जरूरी

नई दिल्ली (एडीएनए)।

फाइटर जेट पर क्यों लगाए जाते हैं 'लाल टैग', इसमें छिपा है बड़ा राज। फाइटर जेट्स पर लगे 'Remove Before Flight' टैग उड़ान से पहले सुरक्षा जांच का अहम हिस्सा होते हैं। ये टैग क्यों लगाए जाते हैं, कहां लगाए जाते हैं और इन्हें क्यों हटाया जाता है, आइए यह सब जानते हैं..

अगर आपने कभी फाइटर जेट्स की क्लोज तस्वीरें या वीडियो ध्यान से देखा होगा, तो एक लाल रंग का टैग जरूर नजर आया होगा जिस पर लिखा होता है, अक्सर आपने देखा होगा में किसी भी फाइटर जेट में लाल रंग का एक टैग लगा होता है। इस टैग में सफेद रंग से रिमूव बिफोर फ्लाइट अंग्रेजी में लिखा होता है। इसका मतलब यह है कि अभी जहाज जांच के दायरे में है। किसी भी फाइटर प्लेन की जांच पूरी होने के बाद ही इस टैग को हटाया जाता है। इसलिए इस टैग में भूमिका काफी अहम रहती है।

सुरक्षा के लिहाज से इस टैग की अपनी खासियत है। कोई भी पायलट तभी अपने लड़ाकू विमान को उड़ाता है जब यह टैग हटाया जाता है। इस टैग को लगाने और हटाने की जिम्मेदार क्रू मेंबरों और तकनीकी टीम के जिम्मे होती है। फाइटर जेट के सुरक्षा के सभी मानक पूरे होते ही यह टैग हटाया जाता है और तब पायलट अपने जेट को उड़ाता है। दरअसल, किसी भी लड़ाकू विमान की सुरक्षा का यह टैग बड़ा हथियार होता है।

आमतौर पर यह टैग लाल रंग के फैब्रिक से बना होता है। विमान को जांचने के दौरान क्रू मेंबर्स इस टैग को लगाते हैं और तभी हटाते हैं जब सभी जांचें पूरी न हो जाएं। यह टैग विमान के कई हिस्सा में लगाया जाता है। जैसे मिसाइल लॉकिंग सिस्टम, एयर इंटेक, पिटोट ट्यूब (यह हवा की स्पीड बताता है), गियर लॉक और यहां तक कि सीट इंजेक्शन सिस्टम पर भी यह लाल रंग के टैग लगाए जाते हैं। किसी भी फाइटर जेट के उड़ने से पहले उसकी सभी जांचें पूरी करनी होती है। इसी के चलते यह टैग लगाए जाते हैं। कुल मिलाकर यह टैग एक रिमाइंडर होते हैं जो कि यह बताते हैं कि अभी जांचें चल रही हैं। इसे चेतावनी का संकेत भी माना जाता है। आमतौर यह इतना चमकीला होता है कि यह दूर से ही पायलट या सुरक्षा एजेंसियां इसे पढ़ सकती हैं। आमतौर पर उड़ान पूरी होने के बाद विमान को हैंगर या रिपेयर के लिए खड़ा किया जाता है तो यह टैग लगाया जाता है। यह टैग फाइटर प्लेनों में ही नहीं बल्कि हेलीकॉप्टर, कामर्शियल विमानों और एविएशन मशीनों में भी प्रयोग किए जाते हैं। यही नहीं, मिसाइलों और बमों में भी यह टैग लगाए जाते हैं। ताक गलती से भी यह एक्टिवेट न हों।

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