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युद्ध में हुआ भारी नुकसान, ईरान-इजरायल को संभलने में लगेंगे कई साल

नई दिल्ली (एडीएनए)।

मध्य-पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग में भले ही संघर्ष विराम को ऐलान हुआ लेकिन दोनों को भारी नुकसान पहुंचा है। सैन्य अफसरों के अलावा तगड़ी आर्थिक क्षति भी पहुंची है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इजरायल के हमले में ईरान में अब तक आठ सौ लोगों की जानें गईं हैं हवाई हमलों में, यही नहीं छह शीर्ष सैन्य कमांडरों को भी इजरायल ने मार गिराया है। ईरान के 14 शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं। दावा यह भी किया गया है कि ईरान के तीनों प्रमुख परमाणु संयंत्रों को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि ईरान ने इसका खंडन किया है। वहीं, ईरानी हमले में 30 इजरायलियों की मौत की खबर मीडिया में सामने आई।

पिछले 12 दिनों से जारी जंग में दोनों देशों को तगड़ी आर्थिक क्षति पहुंची है। ईरान को करीब दो सौ अरब डॉलर और इजरायल को 12 अरब डॉलर की आर्थिक चोट पहुंचने का अनुमान है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 72 करोड़ अरब डॉलर इजरायल ने प्रतिदिन युद्ध पर खर्च किए। 1.9 अरब डॉलर का औद्योगिक नुकसान भी इजरायल ने झेला है। जंग के दौरान हाइफा में तेल रिफाइनरी को बंद करना पड़ा। बीर्शेवा के अस्पताल और टेक औद्योगिक संस्थान पूरी तरह से बर्बाद हो गए। ईरान ने अपने हवाई हमलों में तेल अवीव के सैन्य अड्डों और एयरबेस को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।

वहीं, ईरान को भी इस युद्ध में तगड़ा झटका लगा है। उद्योगों से लेकर प्रमुख बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचा है। रिवोल्यूशनरी गार्ड के कई शीर्ष कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। पार्चिन और अन्य मिसाइल उत्पादन इकाइयों को क्षति पहुंची। ईरान की कुल जीडीपी पर 9.6 अरब डॉलर का प्रभाव पड़ा है। तेल उत्पादन और निर्यात में 3.8 अरब डॉलर की गिरावट आई है। औद्योगिक प्रतिष्ठानों को 2.4 अबर डॉलर का नुकसान हुआ है। दोनों देशों की जंग में दुनियाभर में असर हुआ है। जानकारों की मानें तो संयुक्त संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी जैसी संस्थानों की मध्यस्थ्ता कमजोर पड़ी है। देशभर की बाजारों पर भी गहरा असर पड़ा ह। वैश्विक स्टॉक मार्केट में पिछले हफ्ते गिरावट देखी गई। सोने और डॉलर की मांग बढ़ी है।

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