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जानिए.. कैसे-कैसे अंतरिक्षयान और भारत दुनिया में कहां खड़ा

नई दिल्ली (एडीएनए)।

अंतरिक्षयान (Spacecraft)  पृथ्वी की कक्षा से बाहर अंतरिक्ष में मिशन को अंजाम देने के लिए बनाए जाते हैं। विज्ञान और तकनीक की इस बेहतरीन खोज ने इंसान को चंद्रमा, मंगल और उससे भी आगे झांकने की ताकत दी है। आइए विस्तार से जानते हैं दुनिया के प्रमुख अंतरिक्षयान, उनके प्रकार और भारत के पास मौजूद अंतरिक्ष तकनीक के बारे में।

दुनिया में कैसे-कैसे अंतरिक्षयान

अंतरिक्षयान को उनके काम के आधार पर कई श्रेणियों में बांटा जा सकता है।

मानवयुक्त अंतरिक्षयानः ऐसे यान जिनमें अंतरिक्ष यात्री सवार होते हैं। दुनिया के कई देशों ने इस तरह के यान बनाए हैं और समय-समय पर इनका प्रयोग किया है।

अपोलो (Apollo): अमेरिका का चंद्र मिशन जिसमें नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने चंद्रमा पर कदम रखा।

सोयुज (Soyuz): रूस का सबसे लंबे समय तक चलने वाला मानवयुक्त कार्यक्रम।

स्पेस शटल (Space Shuttle): NASA का पुन: उपयोग में लाया जा सकने वाला अंतरिक्षयान।

ड्रैगन (Crew Dragon): स्पेसX का आधुनिक क्रू मिशन यान।

मानवरहित अंतरिक्षयानः जिनमें कोई इंसान नहीं होता और ये वैज्ञानिक परीक्षण, डेटा संग्रह, या ग्रहों की जांच के लिए भेजे जाते हैं। कई देशों ने इस तरह के यान अंतरिक्ष में भेजे और और कई इसकी तैयारी कर रहे हैं।

वोयेजर-1 और 2 (Voyager): सौरमंडल के बाहर भेजे गए NASA के ऐतिहासिक यान।

जूनो (Juno): बृहस्पति का अध्ययन करने वाला यान।

क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity Rover): मंगल ग्रह पर घूमने वाला रोबोट।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप: ब्रह्मांड की शुरुआत की झलक दिखाने वाला यान।

राकेट प्रक्षेपणयानः इनका काम उपग्रहों या अंतरिक्षयान को अंतरिक्ष में पहुंचाना होता है। इसमें

Falcon 9 (SpaceX), Ariane 5 (ESA) और Saturn V (NASA – अपोलो मिशन में प्रयोग)

भारत के पास क्या

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के नेतृत्व में लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है। यहां मानवयुक्त, मानवरहित और उपग्रह प्रक्षेपण यान तीनों क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियां हैं।

भारत बनाम विश्व, कहां खड़ा अपना देश

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आज वैश्विक स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने न केवल उपग्रह प्रक्षेपण में विशेषज्ञता हासिल की है, बल्कि अब मानव को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी भी कर रहा है। इस रिपोर्ट में हम जानते हैं भारत के प्रमुख अंतरिक्ष यानों और उनके कार्यों के बारे में।

भारत अब तक 380 से अधिक अंतरिक्ष मिशन पूरे कर चुका है। भारत की सबसे बड़ी ताकत इसकी कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक है। भारत अंतरिक्ष में उभरती महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है।

भविष्य की योजनाएं:

·         गगनयान: तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाएगा।

·         शुक्र मिशन (Shukrayaan): 2030 तक संभावित।

·         स्पेस स्टेशन (Bharatiya Space Station): 2035 तक निर्माण का लक्ष्य।

·         Reusable Launch Vehicle (RLV): रियूजेबल स्पेसप्लेन जैसी तकनीक पर कार्य।

दुनिया की अंतरिक्ष दौड़ में अमेरिका, रूस, चीन जैसे देशों के बाद अब भारत भी तेजी से अग्रणी बन रहा है। चाहे वह चंद्रमा पर लैंडिंग हो या मंगल की कक्षा में प्रवेश, भारत का विज्ञान अब अंतरिक्ष में अपनी मजबूत पहचान बना चुका है।

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