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बड़ी रोमांचक है अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन की दुनिया

नई दिल्ली (एडीएनए)।

भारत के शुभांशु शुक्ला समेत चार यात्रियों के अंतरिक्ष पहुंचने के बाद इस दुनिया को जानने-समझने की दिलचस्पी बढ़ सी गई है। आइए हम आपको इस रोमांचक जगह से रूबरू कराते हैं।  
अंतरिक्ष एक विशाल और रहस्यमयी जगह है जो पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर है। यह वह जगह है जहां तारे, ग्रह, गैलेक्सी, ब्लैक होम जैसी तमाम खगोलीय चीजें मौजूद हैं। यहां गुरुत्वाकर्षण, ध्वनि या आक्सीजन नहीं होता है। तापमान बहुत अधिक या बहुत कम हो सकता है। स्पेस स्टेशन पर एक दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त होता है। दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों के कई प्रमुख स्पेस सेंटर है। जहां से रॉकेट छोड़े जाते हैं और उपग्रहों पर काम होता है। यह जमीन पर होते हुए भी अंक्षरित मिशनों को संचालन करते हैं। अंतरिक्ष पर अब तक कुल 11 स्पेस स्टेशन स्थापित किए गए। हालांकि इस समय नासा का स्पेस स्टेशन आईएसएस और चीन का तियांगगोंग स्पेस स्टेशन ही काम कर रहा है। वैसे दुनियाभर के पांच प्रमुख देशों के स्पेस सेंटर भी अंतरिक्ष में सक्रिय है। इनमें नासा (संयुक्त राज्य अमेरिका), रोस्कोस्मोस (रूस), ईएसए (यूरोप), जेएक्सए (जापान), और सीएसए (कनाडा) हैं। 
अंतरिक्ष पर मौजूद स्पेस सेंटर पर यात्रियों वहां की भौगोलिक स्थितियों का परीक्षण करते हैं। कृषि कार्यों पर भी परीक्षण किया जाता है। शरीर पर गुरुत्वाकर्षण के पड़ने वाले असर भी शोध हो रहा है। मून मार्स मिशन की तैयारी को देखते हुए यात्रियों पर होने वाले बदलावों को भी देखा जा रहा है। स्पेस स्टेशन पर वहां मौजूद यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। जैसे- वह किताबें पढ़ सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं, धरती पर बात कर सकते हैं आदि। यही नहीं, रोजाना छह-आठ घंटे काम, दो घंटे की एक्सरसाइज और खाने-पीने व आराम करने की भी व्यवस्था की गई है। स्पेस स्टेशन पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी संसाधन मुहैया है। आग लगने, डिप्रेशन, ऑक्सीजन की कमी जैसी किसी भी आपातस्थिति से निटपने के लिए खास व्यवस्थाएं होती हैं। इमरजेंसी कैप्सूल रहता ताकि किसी भी आपात स्थिति में यात्री पृथ्वी की ओर कूच कर सकते हैं। कुल मिलाकर स्पेस स्टेशन एक चलती-फिरता प्रयोगशाला है जो अंतरिक्ष में रहकर स्वास्थ्य, विज्ञान और भविष्य की खोजों के लिए काम करता है। वर्तमान समय में अंतरिक्ष में कुल 14 लोग मौजूद हैं। आईएसएस पर सात और चीन के स्टेशन पर तीन यात्री मौजूद हैं। हाल ही में भारत के शुभांशु शुक्ला समेत चार यात्री और स्पेस स्टेशन पर पहुंचे हैं।

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