नई दिल्ली (एडीएनए)
ऑपरेशन सिंदूर के बीच भारतीय सेनाओं को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने पर मंथन शुरू हो गया है। इसी हफ्ते रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक होनी है। इसमें सेनाओं के आधुनिकरण को लेकर वृहद स्तर पर मंथन किया जाएगा। अनुमान है कि इसके लिए एक लाख करोड़ के प्रोजेक्ट पर भी चर्चा होगी।
बैठक के प्रमुख मुद्दे
इस उच्चस्तरीय बैठक में सेनाओं को और हाईटेक बनाने के सभी पहलुओं पर विचार होगा। भारतीय वायुसेना अपने स्टार कार्यक्रम के तहत दुश्मनों पर निगरानी के लिए जासूसी विमान खरीदने का प्रस्ताव रख सकती है। इसका पूरा पुर्जा कंपनी से लिया जाएगा और डीआरडीओ के लैब में मॉडिफाई होगा। यही नहीं, भारतीय सेना के लिए डीआरडीओ द्वारा तैयार क्विक रिएक्शन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल को अनुमति के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। जानकारों की मानें तो 30 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट के जरिए वायु रक्षा तंत्र को मजबूत बनाना पहला उद्देश्य है। कोई भी मिसाइल तीस किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को भेद सकती है। इसके अलावा तीसरी जो सबसे अहम बात है वह यह कि नौसेना बैठक में डीआरडीओ द्वारा निर्मित दुश्मन के पनडुब्बी और पोत को मार गिराने वाले मूर्ड माइन्स की खरीदारी का प्रस्ताव रखेगी। 84 सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने पर भी बैठक में चर्चा संभव है।