नई दिल्ली (एडीएनए)।
डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, यहां हजारों फीट की उंचाई पर हवा में एक डॉक्टर मासूम के लिए भगवान बन गए। किसी को नया जीवन सिर्फ भगवान ही दे सकते हैं। यह साबित भी किया एक डॉक्टर ने। दरअसल, हवाई जहाज में एक मासूम की सांसें उखड़ने लगीं तो प्लेन में मौजूद डॉक्टर ने बच्ची को प्राथमिक इलाज देकर उसकी जान बचाई। यह घटना मंगलवार को बेंगलुरु से बरेली आ रही इंडिगो फ्लाइट में घटी। आइए जानते हैं विस्तार से पूरा वाक्या..
बेंगलुरु-बरेली फ्लाइट में बीपीसीएल बरेली में कार्यरत एक परिवार यात्रा कर रहा था। महिला के साथ उसकी दो साल की मासूम बेटी भी थी। फ्लाइट संख्या 6ई941 ने बेंगलुरु से सुबह 11:40 बजे बरेली के लिए उड़ान भरी। टेक ऑफ होने के करीब एक घंटे बाद सीट नंबर -10 पर सवार महिला अचानक बच्ची को गोद में लेकर मदद के लिए आवाज लगाने लगी। बच्ची की हालत देख क्रू सदस्यों के हाथ-पैर फूल गए। जहाज के आपता लैंडिंग की सूचना आलाअधिकारियों को दी गई। इस दौरान जहाज में मौजूद पीलीभीत के एमडी कार्डियो डॉ. नूरुल कमर मलिक चीखती-चिल्लाती हुई महिला के पास पहुंचे और बच्ची की पीठ को थपथपाया उसे ऊपर-नीचे किया। दो-तीन बार करने पर मासूम के मुंह से लार के साथ बिस्कुल का एक टुकड़ा गिर पड़ा। इसके बाद बच्ची की हालत नार्मल हुई और वह ठीक से सांस लेने लगी। डॉ. नूरुल कमर ने मासूम को अपने पास से कुछ दवाएं भी दीं। बच्ची की जान बच गई। यह देख हवाई जहाज में मौजूद यात्रियों ने डॉक्टर को धन्यवाद दिया। इनता ही नहीं बरेली हवाई अड्डे पर फ्लाइट के लैंड होते ही वहां पहले से मौजूद मासूम के पिता ने हाथ जोड़कर डॉक्टर को धन्यवाद दिया।