नई दिल्ली (एडीएनए)
हवाई सफर अपने आप में रोमांचक अनुभव होता है, विमान के टेकआफ और लैंडिंग के समय यह रोमांच तब और बढ़ जाता है जब ज्यादातर यात्रियों की सांसे अटक जाती हैं। लैंडिंग के समय भारी रकम और हजारों किलो वजन वाले विशालकाय विमान का पूरा भार उसके टायरों पर होता है, फिर भी वह नहीं फटते। जिस समय एक विशान विमान लैंडिंग करता है वह आसमान से कंकरॉ के रनवे पर उतरता है, उस समय उसके टाय़रों पर जबरदस्त दबाव होता है। एक विमान के लैडिंग के समय यात्रियों को को झटका महसूस होता उससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है टायरों पर उस समय कितना भार पड़ता है।
क्यों नहीं फटते टायर
टायरों के निर्माण में गजब की इंजीनियरिंग का प्रयोग होता है, इसीलिए जिन टाय़रों को दिन में कई बार तेज गति से रनवे पर टकराना और इतना भार झेलना पड़ता है उन पर जैसे कोई असर ही नहीं पड़ता। 45 इंच का रबर का यह पहिया औखिर कैसे इतना वजन झेलता है। दरअसल हवाई जहाज के टायर सिंथेटिक रबर कंपाउंड्स से बनाए जाते हैं। चायरों में नाइट्रोन गैस भरी जाती है जिससे वह फटते नहीं हैं। एक टायर का इस्तेमाल 500 बार किया जाता है।