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घर में आराम करेंगे किसान... क्योंकि ये छोटू ड्रोन करेगा फसलों की निगरानी

-कानपुर के स्टार्टअप प्रेडुलिव लैब्स ने विकसित किया 2.5 किलो का माइक्रो ड्रोन

-आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-डीपटेक तकनीक से काम करेगा यह ड्रोन, फसलों में कीट-बीमारी की देगा जानकारी
 

एविक्स की प्रमुख खासियतें
ड्रोन का वजन - 2.5 किग्रा
ड्रोन की उड़ान क्षमता - 40 मिनट
ड्रोन के कवरेज का क्षेत्र - 5 किमी सर्किल
ड्रोन का प्रयोग - कृषि, सर्विलांस, जीआईएस सर्वे व मैपिंग
कानपुर। आसमान से आग बरसने वाली गर्मी हो या झमाझम बारिश या फिर कड़कड़ाती सर्दी। अब किसानों को खेतों में जाकर फसलों की निगरानी नहीं करनी होगी। क्योंकि उन्हें घर बैठे मोबाइल पर ही मिट्टी की स्वास्थ्य रिपोर्ट के साथ फसलों में कहीं कीड़े या बीमारी तो नहीं लग रही, पूरी जानकारी मिल जाएगी। क्योंकि, अब किसानों के बजाए छोटू ड्रोन फसलों की निगरानी करेगा। सिर्फ ढाई किलो वजन का यह ड्रोन मोबाइल पर बता देगा कि किन-किन फसलों में कीड़े लगे हैं और कहां पर मिट्टी में पोषकतत्वों की कमी है। यह ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डीपटेक्नोलॉजी तकनीक पर काम करता है।
इस 'छोटू' ड्रोन का विकसित किया है प्रेडुलिव लैब्स स्टार्टअप ने। स्टार्टअप के फाउंडर विकास नगर निवासी शिवांशु द्विवेदी मूलतः बस्ती के रहने वाले हैं। शिवांशु ने बताया कि ड्रोन का उपयोग कृषि के लिए अत्यधिक लाभदायक है। इस 'छोटू' ड्रोन (माइक्रो ड्रोन) का नाम एविक्स रखा गया है। उन्होंने बताया कि यह ड्रोन कृषि और सर्विलांस को ध्यान में रख तैयार किया गया है। ड्रोन में लगे सेंसर मिट्टी की रियल टाइम स्वास्थ्य रिपोर्ट देते हैं बल्कि उसकी एनालिटिक्स रिपोर्ट भी तैयार करते हैं। जिससे निश्चित समय पर मिट्टी को पानी और जरूरी पोषकतत्व उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इसी तरह, फसलों के कितने एरिया में कीट या बीमारी का हमला हुआ है, यह जानकारी भी मिलती है। इसके बाद ड्रोन की मदद से संबंधित कीट या बीमारी वाले क्षेत्र में दवा का छिड़काव होता है।
यह माइक्रो ड्रोन सिक्योरिटी, मैपिंग व जीआईएस सर्वे में भी कारगर
शिवांशु द्विवेदी ने बताया कि माइक्रो ड्रोन खेती के साथ सर्विलांस में बहुत उपयोगी साबित होगा। इसमें लगे अत्याधुनिक कैमरे और सेंसर कंट्रोल रूम तक रियल टाइम मॉनीटरिंग कर पिक्चर व वीडियो उपलब्ध कराएंगे। इस ड्रोन का उपयोग मैपिंग और जीआईएस सर्वे में भी किया जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ डीपटेक तकनीक पर काम करने वाला यह ड्रोन पुराने आंकड़ों का डेटा एनालिटिक्स कर नए चुनौतियों से भी अवगत कराने में सक्षम है।

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