नई दिल्ली (एडीएनए)।
हवाईअड्डों की दुनिया बेहद रोमांचकारी होती है। कल्पना कीजिए कि आपका विमान किसी दर्रे या संकरी पहाड़ी से गुजर रहा हो तो आप कैसा महसूस करेंगे या ऐसे रनवे पर उतर रहा हो जो पहाड़ियों से घिरा मुश्किलों से भरा हो..कुछ भी हो आपके रोंगटे खड़े होना तय है। आइए हम आपको विश्व के पांच ऐसे ही रोमांचकारी हवाईअड्डों से रूबरू कराते हैं...
लुक्ला एयरपोर्ट, नेपाल
इस हवाईअड्डे को दुनिया का सबसे खतरनाक हवाईअड्डा भी कहा जाता है। यह हिमालय की गोद में बना है और रनवे समेत समूचा परिसर ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां का रनवे 1,729 फीट यानि 527 मीटर का है जो सबसे छोटा है। रनवे एक हिस्सा एक गहरी खाई में जाकर समाप्त होता है जो किसी भी पायलट के लिए मुश्किल चुनौती होती है। यह हवाई अड्डा समुद्र तल से 9,334 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां कब मौसम खराब हो जाए पता ही नहीं चलता। अक्सर अचानक बादलों का आ जाना, तेज हवाएं चलने से विमानों के उतरने और उड़ान भरने में काफी दिक्कतें होती है। दिन में मौसम के बिगड़ने की प्रबल आशंका के चलत अधिकतर उड़ाने सुबह ही होती है। यहां से विमान यात्रा आपकी रोमांचकता को उस समय बढ़ा देता है जब नीचे आप एवरेस्ट क चोटियां देखते हैं।
कोर्टशेवेल एयरपोर्ट, फ्रांस
इस हवाईअड्डे से उड़ना और यहां पर उतरा बेहद डरावना और रोमांचकारी होता है। एक आलीशान स्की रिसॉर्ट के रूप में एयरपोर्ट को डिजाइन किया गया है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2,008 मीटर हैं। यह छोटा सा हवाई अड्डा अपने बेहद छोटे, ढलान वाले रनवे के लिए विख्यात है। सिर्फ 537 मीटर लंबा और 18.5% की चौंका देने वाला रनवे ढलान पर झुका हुआ है। पायलटों को बिना किसी दूसरे मौके के मैन्युअल रूप से उतरना होता है। कोई गो-अराउंड प्रक्रिया नहीं है, कोई इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम नहीं है और किसी भी त्रुटि के लिए कम से कम का मार्जिन है। यह दुनिया के उन कुछ स्थानों में से एक है जहां लैंडिंग से लेकर रुकने तक, विमान व्यावहारिक रूप से एक पहाड़ी पर चढ़ रहा है। सर्दियों के दौरान, बर्फीली और बर्फीली परिस्थितियां लैंडिंग को और भी रोमांचकारी बना देती हैं।
पारो इंटरनेशनल एयरपोर्ट, भूटान
भूटान के पारो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरना जितना मुश्किलों भरा होता है उतना ही किसी यात्री के लिए सम्मान की भी बात होती है। समुद्रतल से करीब 2,235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हवाईअड्डा एक गहरी घाटी में बनाया गया है। पारो एयरपोर्ट सबसे चुनौतीपूर्ण हवाईअड्डों में माना जाता है। सभी पायलट यह नहीं उतर सकते हैं। दुनियाभर के सिर्फ एक दर्जन पायलटों को यहां पर उतरने की अनुमति है और इसके लिए बाकायदा उन्हें प्रमाणित किया गया है। जानकारों की मानें तो करीब 55 सौ मीटर ऊंची चोटियों के बीच से विमान को गुजरना होता है। घरों-मठों के ऊपर और नीचे की ओर उड़ते हुए रनवे पर लाइनअप करने के ठीक पहले एक तेज मोड़ पर मुड़ने ही विमान को नियंत्रित करना किसी जोखिम से कम नहीं है। जरा सी चूक यात्रियों की जान पर बन सकती है। पायलट का कुशल कौशल ही जहाज को नियंत्रित करता है।
टोनकॉन्टिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, होंडुरास
टोनकॉन्टिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचना भी यात्रियों को अचंभित करता है। यहां की यात्रा रोमांचकता की सभी श्रेणियों का पार कर देता है। समुद्र तल से मात्र 1,005 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस हवाईअड्डे की भौगोलिग स्थित काफी खतरनाक है। यह एयरपोर्ट पहाड़ों की बीच बसा हुआ है। रनवे पर उतरते समय पायलट को लैंडिंग से कुछ ही क्षण पहले 45 से 90 डिग्री का तीखा मोड़ लेना पड़ता है, इसके बाद ही सुरक्षित विमान को उतार सकते हैं। 1,863 मीटर का छोटा रनवे, बार-बार होने वाली बारिश भी विमानों के उतरने में बाधक बनते है। आसपास ऊंचे-ऊंचे पहाड़ विमानों के लिए खतरा और यात्रियों के लिए रोमांचक होते हैं। अचानक सीधा आता विमान कब 50 डिग्री पर मुंड जाते पता नहीं चलता। यह पल धड़कनें थमा द देने वाला होता है।
प्रिंसेस जुलियाना इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सिंट मार्टेन कैरिबियाई
समुद्र तल से मात्र चार मीटर ऊपर बने इस हवाईअड्डे की सुंदरता देखते ही बनती है। रनवे पर उतरते समय समुद्री हवाओं से विमान को बचाना पायलट के लिए किसी जंग जीतने जैसा है। समुद्री लहरों और जलीय जीवों के उछलने से विमानों के लैंडिंग में सबसे अधिक खतरा रहता है। इनसे बचते हुए पायलट को रनवे तक आना है। अनुभवी पायलट ही सुरक्षित लैंडिंग करता है। यात्रियों के लिए यह कभी न भूलने वाला क्षण होता है। इस हवाईअड्डे की विशेषता यह है कि रेत के कुछ मीटर ऊपर से विमानों का उड़ाना अकल्पनीय होता है। दरअसर, यह हवाईअड्डा सिंट मार्टेन बेल्ट के आसपास है, जहां दिन में कई बार तूफान आता है। इन तूफानों से बचाते हुए विमानों का उतारना चुनौतीभरा होता है। पायलटों के लिए रनवे तक पहुंचना जितना जोखिम होता है यात्रियों के लिए उतना ही रोमांचकारी।