कानपुर (एडीएनए)।
दुश्मनों के ठिकाने पर तबाही मचाने के लिए अब ड्रोन को लांच करने के लिए भी सैनिकों की आवश्यकता नहीं होगी। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ड्रोन लांचर विकसित किया है, जो 100 किमी के टारगेट को तबाह करने में सक्षम है। यह लांचर स्वचालित है और ड्रोन को 100 किमी की दूरी तक भेजने में सक्षम है। यह स्वचालित ड्रोन लांचर महज एक बटन से ऑपरेट होगा, जो जीपीएस से लैस है।
प्रो. सडरेला व उनकी टीम ने किया तैयार
ड्रोन के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। इसी क्रम में संस्थान के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. सडरेला व उनकी 30 सदस्यीय टीम ने यह ड्रोन लांचर विकसित किया है। यह लांचर जीपीएस और फुल एचडी कैमरों से लैस है।
इस लांचर से लांच होंगे सुसाइड ड्रोन
प्रो. सडरेला ने बताया कि यह लांचर डिफेंस के क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित होगा। इससे कॉमिकेज ड्रोन (सुसाइड ड्रोन) को लांच किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुश्मनों के ठिकाने अगर सेना की जद से दूर हैं तो उसकी लोकेशन को मैप पर सेट कर ड्रोन को लांचर की मदद से रवाना कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इसको रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। ये सौ किलोमीटर की क्षमता में सेट किए गए टारगेट को खोजकर उसे तबाह कर देगा। अगर टारगेट अपनी लोकेशन बदलता है तो भी ये उसे भेदने में सक्षम है, बशर्ते उसकी रेंज 100 किलोमीटर के अंदर होनी चाहिए।
लांचिंग के बाद भी लांचर रोक सकेगा ड्रोन
प्रो. सडरेला ने बताया कि लांचिंग के बाद भी लांचर में ड्रोन को रोकने की क्षमता है। ड्रोन लांचर के मैप को देखकर अगर लगता है कि ये अपने टारगेट तक नहीं पहुंच पा रहा है या फिर टारगेट रेंज से बाहर हो गया है, तो इसे रिमोट कंट्रोल के माध्यम से रोका जा सकता है। जिससे ये दोबारा अपनी जगह पर वापस लौट आएगा।
रक्षामंत्री कर चुके हैं सराहना
यह ड्रोन लांचर बिना मैनुअली मॉनिटरिंग के संचालित होकर दुश्मन के खेमे में तबाही मचा सकता है। इसकी प्रशंसा व सराहना देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यह लांचर भारतीय सेना के लिए वरदान साबित होगा।