नई दिल्ली (एडीएनए)।
वायु रक्षा प्रणाली पैट्रियट जल्द ही इजरायली सेना को मिल जाएगी। अमेरिका से अनुबंध के बाद यह रक्षा प्रणाली इजरायल को मिलेगी। पैट्रियट सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइल के खतरों से बचाव में मददगार काफी मददगार होता है। आइए जानते है इस खास तकनीक के बारे में...
अमेरिका रक्षा ठेकेदार रेथयॉन ने इस तकनीक का निर्माण किया है। इस तकनीक के जरिए किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को मोबाइल इंटरसेप्टर के माध्यम से जमीन पर गिरने से पहले ही मार गिराया जाता है। हालांकि इजरायल के बाद आयरन डोम जैसे अत्याधुनिक इंटरसेप्टर हैं लेकिन पैट्रियट की दक्षता इनसे सौ गुना अधिक है। अभी तक यह प्रणाली अमेरिका समेत कुछ चुनिंदा देशों के पास ही है। नए अनुबंध के तहत अगर यह रक्षा प्रणाली इजरायल को मिल जाती है तो किसी भी देश के हवाई हमले रोकने में और सक्षम हो जाएगा। जानकार बताते हैं कि साल 1984 में अमेरिकी सेना ने पैट्रियट प्रणाली को उच्च वायु रक्षा प्रणाली के रूप में हरक्यूलिस और कुछ अन्य फाइटरों के जरिए प्रयोग किया। मिसाइल को सतह पर गिरने से पहले ही उन्हें नष्ट करने में सफलता मिली। उच्च तकनीक का यह सिस्टम साल 2040 तक सेना के पास रहने की उम्मी है। पैट्रियट एक उन्नत हवाई इंरसेप्टर मिसाइल सिस्टम है। 2003 में इराक युद्ध के दौरान इराकी मिसाइलों को सफलता पूर्वक इस सिस्टम के जरिए विफल किया गया। इस तकनीक का प्रयोग सऊदी और अमीरात सुरक्षा बलों ने हूती मिसाइलों के खिलाफ यमन संघर्ष में प्रयोग किया गया। इस सिस्टम को बनाने का काम 1976 में शुरू हुआ और 1984 इस अमेरिका वायुसेना का सौंपा गया। शुरुआत में इसका इस्तेमाल इंटी एयरक्रॉफ्ट सिस्टम के तौर पर किया गया। 1988 में इस सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ किया गया। बाद में इसकी क्षमता को बढ़ाते हुए इसे इंटरसेप्टर मिसाइलों के खिलाफ शुरू किया जो सफल रहा। इसका राडार सिस्टम इतना आधुनिक है कि दुश्मनों की मिसाइल किसी भी दिशा से आ रही हो वह ट्रैक कर उसे नष्ट कर देता है। इसमें एक साथ आठ लांचर पैड बनाए गए हैं जो किसी भी अटैक को घेरकर मार गिराता है।