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एक फाइटर पायलट का प्रदर्शन 16 लोगों की टीम पर निर्भर

कानपुर (एडीएनए)।

35 साल तक एयरफोर्स की सेवा के अपने अनुभव और 1965 और 1971 के युद्ध देखने वाले ग्रुप कैप्टेन (रिटायर्ड) राघवेन्द्र त्रिपाठी बताते हैं कि हमारी वायुसेना के सामने पाकिस्तान चार दिन नहीं टिक पाएगा। पहलगांव में आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच टकराव और सैन्य कार्रवाई पर कैप्टन त्रिपाठी कहते हैं कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस ध्वस्त कर दिए। यह उनके ड्रोन और मिसाइल हमलों का त्वरित जवाब था, जिससे पाकिस्तानी सेना ही नहीं वहां की हुकूमत थर्रा गई। कैप्टन त्रिपाठी का कहना है कि यह प्रदर्शन तो हमारी वायुसेना की बहादुरी की सिर्फ छोटी बानगी है। कैप्टन त्रिपाठी 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान वायुसेना में थे। वह बताते हैं कि उस दौर में वह एंटी एयरक्रॉफ्ट गन और आज की तुलना में बहुत कम क्षमता वाले रडार के भरोसे हमले रोकते थे। हमारे लड़ाकू जहाज भी आज के सुखोई और राफेल जैसी ताकत वाले नहीं थे फिर भी हमारी एयरफोर्स ने पाकिस्तान को हर युद्ध में धूल चटाई। 

फाइटर पायलटों की दक्षता और टीम कौशल बड़ी ताकत

कैप्टन त्रिपाठी कहते हैं कि भारतीय एयरफोर्स की सबसे बड़ी ताकत अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम और राफेल जैसे फाइटर जेट के साथ हमारे फाइटर पायलटों की दक्षता और उनकी टीम का कौशल है। एक फाइटर पायलट का प्रदर्शन कम से कम 16 दक्ष लोगों की टीम पर निर्भर करता है। इनमें तकनीकी से ट्रेनिंग तक के लोग होते हैं। कड़ा अभ्यास भी होता है। उन्होंने बताया कि 1965 के युद्ध में वीर चक्र से सम्मानित हमारे एक फ्लाइंग अफसर मित्र विनोद कुमार नेब ने छह सितंबर 1965 को हलवारा एयरफील्ड पर अपने छोटे से ग्नैट जहाज से पाकिस्तान के दो सेबर जेट गिरा दिए थे। सेबर जेट को आज के एफ-16 का शुरुआती वर्जन माना जा सकता है। उसे ग्नैट से मार गिराना अचरज भरा था। भारतीय वायुसेना के पास आज जो अत्याधुनिक संसाधन हैं साथ में कड़ा प्रशिक्षण हमारे पायलटों को अजेय बनाता है। कैप्टन ने कहा कि बीते दिनों पाकिस्तानियों ने बॉर्डर पर छह सौ ड्रोन भेजे और सीमा पर भारी गोलाबारी की लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं कर सके लेकिन हमारी वायुसेना ने कई एयरबेस, एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त कर दिए। उहोंने कहाकि पाकिस्तानी एयरफोर्स के साथ उनकी सेनाएं हताश हैं और वे पिछले युद्धों की पराजयों का बोझ ढो रही हैं। उन्होंने यूकैब ड्रोन, लॉन्ग रेंज वेपन, लाइट एम्युनेशन और लड़ाकू जहाजों तक का प्रयोग किया लेकिन विफल हुए। हमारी वायुसेना ने टेक्निकल इंस्टालेशन, कमांड कंट्रोल सेंटर्स, रडार और हथियारों के भंडार चिन्हित कर सियालकोट, रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीमयारखान, रावलपिंडी आदि शहरों के टारगेट लिए। उनके रन-वे और भंडार ध्वस्त किए तो पाकिस्तानी वायुसेना परेशान हो गई। 

सारे वार नाकाम

सुदर्शन एस-400 ने पाकिस्तान के सारे वार नाकाम कर दिए। एस-400 इतना सक्षम है कि किसी भी हमले को रोक सकता है। यह कई कई तरह के मिसाइल से लौस है, यह टारगेट के हिसाब से खुद मिसाइल चुनता है और खुद ही फायर करता है। भारतीय एयरफोर्स काबिलियत के पैमाने पर विश्व की सबसे अच्छी एयरफोर्स में सुमार है। 1965 और 1971 के युद्धों में हमारे छोटे जहाज पाकिस्तान के फाइटर और पुराने एफ-16 तक को गिरा चुके हैं। पाकिस्तान में शुरुआत से ही ट्रेनिंग का स्टेटस बहुत खराब रहा। कैप्टन त्रिपाठी पाकिस्तानी पायलटों की खराब निशानेबाजी की एक घटना बताते हैं जब वह 1965 में चकेरी एयरबेस (कानपुर) पर तैनात थे। अचानक एक जरूरी मिशन पर उन्हें अंबाला भेजा गया, कैप्टन त्रिपाठी के अनुसार उस वक्त वहां कई फाइटर पायलट मौजूद थे और हमले की स्थिति में सभी को मेस के पास बने बंकर में जाना था। रात में सायरन बजे, सभी बंकर में पहुंच गए। पाक जहाज आए और कई बम गिरा कर भाग निकले उन्होंने बताया कि सारे बम एयरबेस से दूर गिरे। उन्होंने बताया कि भाग रहेपाक जहाजों को हमारी वायुसेना ने मार गिराया। वह कहते हैं कि आज हमारी पे-लोड क्वालिटी बेहतर है और हमारे पास शानदार मिसाइलें हैं। कैप्टन त्रिपाठी कहते हैं कि हमारी सेनाओं का हौसला आसमान पर है और हमारे पास बेहतरीन नेतृत्व है। 

रेडियो झूठिस्तान 

कैप्टन त्रिपाठी कहते हैं कि पिछले युद्धों में पाकिस्तान ने रेडियो से झूठ का इतना प्रसारण किया कि पाक रेडियो का नाम ही ‘रेडियो झूठिस्तान’ पड़ गया था। तब कई बार ऐसा भी हुआ कि हम जिन एयरबेस पर बैठ कर पाकिस्तान रेडियो सुन रहे होते थे, उसे ही ‘नेस्तनाबूद’ कर देने की खबर पाक रेडियो प्रसारित कर रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आज भी वही कर रहा है, वह अपनी आवाम ही नहीं पूरी दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के प्रहार अचूक हैं और हौसला बुलंद है। पाकिस्तानी कभी राफेल गिराने की बकवास करेंगे तो कभी हमारे एयरबेस को निशाना बनाने के झूठे दावे करेंगे। इस दौर में युद्ध का दारोमदार एयरफोर्स पर ज्यादा रहता है, कभी पूरा युद्ध शुरू हुआ तो पाकिस्तान हमारे सामने चार दिन नहीं टिकेगा।

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