नई दिल्ली (एडीएनए)।
करीब साढ़े 22 घंटों के सफर करके 15 जुलाई को पृथ्वी पर जिस यान से शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रा आए वह कई खासियतों और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। चारों अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन यान ग्रेस से सकुशल वापस लौटे हैं। इस यान एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने बनाया है। यह स्पेसक्राफ्ट 46 बार आईएसएस पर गया है और 31 बार इसने धरती पर वापस आने के बाद फिर से अंतरिक्ष की यात्रा की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस यान की ऊंचाई 8.1 मीटर और चार मीटर का व्यास है। यान में सात अंतरिक्ष यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। इसमें ड्रेको थ्रस्टर्स लगे हैं, जो ड्रैगन को कक्षा में रहने के दौरान दिशा बदलने की अनुमति देते हैं। इसमें लगे आठ सुपरड्रेको यान को शक्ति प्रदान करते हैं। धरती से लॉन्च होते समय इसका पेलोड मास 6000 किलो होता है, जबकि वापसी में रिटर्न पेलोड मास 3000 किलो ही होता है। कैप्सूल की बाहरी बनावट कार्बन फाइबर पॉलीमर से बनी होती है। हीट शील्ट फेनोलिक इंपेग्रेटेड कार्बन एब्लेटर मैटेरियल से बनी है। यह वायुमंडल के प्रवेश के बाद आग से सुरक्षा प्रदान करता है।