नई दिल्ली (एडीएनए)।
ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रटेड टेस्ट रेंज से भारत ने पृथ्वी-2 और अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइलों को परीक्षण कर अपना दम दुनिया को दिखाया है। मिसाइलों के सफल परीक्षण के बाद भारतीय सैन्य क्षमताओं में वृद्धि क उम्मीद है। इनके तकनीकी और परिचालन संबंधी सभी मानकों को सफलता परीक्षण किया गया है।
ईरान-इजरायल और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध में बैलिस्टिक मिसाइलों को समावेशी प्रयोग दिखा। इसके भविष्य की जरूरतों के रूप में देखा जा रहा है। दुश्मन पर जीत और उसको अधिक-अधिक क्षति पहुंचाने में कारगर बैलिस्टिक मिसाइलों के बेड़े को बढ़ाना किसी भी देश के लिए अहम बात है। इसी संदर्भ में भारत ने दो दिन पूर्व इन मिसाइलों को परीक्षण किया है। बीते दिनों पड़ोसी मुल्क से तनाव को देखते हुए यह मिसाइलें कहीं न कहीं भारत के लिए फायदेमंद शामिल होंगी। प्रशिक्षित यह दोनों मिसाइलें कई टेक्नोलॉजी से युक्त हैं। किसी को राडर की पकड़ से बाहर यह मिसाइलें लांच होने के बीच सीधे आकाश में जाती हैं और फिर दुश्मनों के लक्षित ठिकानों को तबाह करती हैं। यह दोनों मिसाइलें परमाणु आयुध और पारंपरिक विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले सकती हैं। डीआरडीओ द्वारा विकसित यह मिसाइलें अपने लक्ष्य का पूरी तरह से नष्ट करने में सक्षम हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अग्नि-1 मिसाइल की रेंज करीब एक हजार किलोमीट है। यह अपने साथ एक हजार किलोग्राम तक की आयुध सामग्री ले जा सकती है। वहीं, पृथ्वी-दो की रेंज 250 से 300 किलोमीटर तक की है। यह अपने साथ पांच सौ से एक हजार किलोग्राम तक का विस्फोटक ले जाने में सक्षम है।