नई दिल्ली (एडएनए)।
ईरान-इजरायल और रूस-यूक्रेन के बीच हुई जंग में मिसाइलों का खासा दमखम दिखा। कुल मिलाकर अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइलों के दम पर ही युद्ध लड़ा है। किसी भी के लिए अब मिसाइलों का जखीरा अहम हो गया है। आइए जानते है पहली मिसाइल से दुनिया कब रूबरू हुई और किसने बनाई।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजी सेना के लिए वॉल्टर डॉर्नबर्गर और वर्नर वॉन ब्रॉन नामक दो इंजीनियरों ने पहली मिसाइल बनाई थी। यह बैलिस्टिक मिसाइल एक तरह का रॉकेट था। बाद में इसे और अपडेट कर शक्तिशाली मिसाइल के रूप में परिवर्तित किया गया है। 1930 और 1940 के दशक के दौरान दुनिया की पहली बैलिस्टिक मिसाइल वी-टू को विकसित किया गया और इसका प्रयोग किया गया। वीटू-2 जिसे ए-4 कि नाम से जाना गया। इस पहला परीक्षण तीन अक्टूबर 1942 में किया गया। साल 1944 में इसका प्रयोग लंदन और फ्रांस के खिलाफ हमलों में किया गया। दूसरे विश्व युद्ध के अंत तक इसे तीन हजार से अधिक बार दागा गया था। हालांकि तब इसकी मारक क्षमता काफी कम थी, लेकिन बाद से इसे और शक्तिशाली बनाकर घातक बनाया गया। आपको बता दें कि वर्तमान समय में मिसाइलें तीन प्रकार की होती हैं। पही सबसोनिक, दूसरी सुपरसोनिक और तीसरी हाइपरसोनिक। आजकल बैलिस्टिक मिसाइलें भी युद्धों में अधिक प्रयोग की जा रही हैं। हाल ही में भारत ने अग्नि-2 और पृथ्वी-1 जैसी बैलिस्टिक मिसाइलों को परीक्षण किया है।