नई दिल्ली (एडीएनए)।
किसी भी आपात स्थिति में विमानों को उतारना काफी चुनौतीपूर्ण और दुरूह काम होता है। हाल ही में अमेरिका के जहाज को पानी में उतारना पड़ा। तीन तरीकों से विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।
फोर्स्ड लैंडिंग
किसी भी विमान की फोर्स्ड लैंडिंग का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब विमान ज्यादा समय तक उड़ाने की स्थिति में नहीं होता है। उसे तुरंत उतारना ही बचाव का एकमात्र जरिया हो। ऐसी स्थिति में जहाज को जल्द ही फैसला लेकर सुरक्षित स्थान पर उतरवाया जाता है। इसे इमिटिएड लैंडिंग भी कहते हैं। इसी स्थितियां तभी उत्पन्न होती है जब अचानक से विमान के इंजन में कोई बड़बड़ी आ आए।
डिचिंग लैंडिंग
विमानों के लैंडिंग की यह प्रक्रिया बहुत ही रेयर होती है। इस स्थिति में विमान को रनवे की जगह पानी में उतारा जाता है। यह उस वक्त फैसला लिया जाता है जब विमान क्रैश होने की स्थिति में होता है। पायलट अपनी सूझबूझ से विमान को पानी में उतारता है आम जनमानस को समस्या न हो इसका भी वह ध्यान रखता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 2009 में यूएस एयरवेज की एक फ्लाइट की लैंडिंग पानी में कराई गई थी। जहाज में 155 लोग सवार था और सभी को जीवित बचा लिया गया था।
प्रीकॉश्नरी लैंडिंग
मौसम में अचानक गड़बड़ी, विमान में तेल खत्म होने पर या विमान में हल्की भी दिक्कत होने पर प्रीकॉश्नरी लैंडिंग कराई जाती है। हालांकि ऐसा बहुत कम ही देखने को मिला है कि इस तरह की कवायद करनी पड़े। विमान में कुछ समस्याएं आने पर नजदीकी हवाईअड्डे पर विमान की लैंडिंग कराकर यात्रियों को सुरक्षित किया जाता है।