नई दिल्ली (एडीएनए)।
भारतीय नौसेना को और मजबूत बनाने की दिशा में सोमवार का दिन काफी खास रहा। नौसेना के बेड़े में पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘अजय’ शामिल हुआ। जलावतरण कार्यक्रम में बताया गया कि यह यह रक्षा क्षेत्र की पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा बनाए गए आठ उथले जल युद्धपोतों की शृंखला का आखिरी पोत है। जानकारों से यह भी बताया कि यह आठवां युद्धपोत भी तय समय पर तैयार किया गया है, जिससे नौसेना की तटीय रक्षा क्षमताएं और मजबूत होंगी। ये बहुउद्देश्यीय युद्धपोत है और कई तरह के अभियानों में हिस्सा ले सकते हैं।
अजय की लंबाई 77.6 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है। यह दुश्मनों की पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में पूरी तरह से समक्ष है। यह अत्याधुनिक कैमरों को रॉकेट से लैस किया गया है। इस एक और खासियत यह है कि यह उथले पानी वाले तटीय इलाकों पर भी आसानी से गश्त बना सकता है। वहीं, समारोह कार्यक्रम में जीआरएसई के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कमोडोर (सेवानिवृत्त) पीआर हरि ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा 'अजय' तीसरी पीढ़ी का सबसे काबिल युद्धपोत है। जीआरएसई और एक अन्य शिपयार्ड द्वारा नौसेना के लिए कुल 16 पनडुब्बी रोधी उथले जल पोत बनाए जा रहे हैं, जिनमें से आठ का निर्माण पूरा कर लिया गया है।