नई दिल्ली (एडीएनए)।
भारतीय वायुसेना के बेड़े से भले ही लड़ाकू विमान मिग-21 सितंबर से विदा हो जाएगा लेकिन यह जंगी जहाज हमेशा दुश्मनों के लिए काल साबित रहा। कारगिल का युद्ध हो गया बालाकोट एयरस्ट्राइक यह जंगी जहाज सरहद पर हमेशा सीना ताने खड़ा रहा।
खूबियों से लैस फाइटर जेट
यह फाइटर जेट कई खूबियों से भी लैस है। जानकारों की मानें तो छह सौ से ज्यादा मिग विमान भारत में बनाए गए। 2229 प्रति किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से यह उड़ान भरता था। यही नहीं, यह जंगी जहाज अपने साथ करीब नौ हजार किलो वजन लेकर उड़ सकता है। एक बार में एक 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जाता और आता था। भारतीय वायुसेना के पास अभी भी 36 मिग-21 हैं। यह जंगी जहाज बीते छह दशक से सरहद की सुरक्षा में तटस्थ है। रूस में निर्मित यह जेट साल 1963 में यह भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना था। विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के लड़ाकू विमान को मिग-21 से ही मार गिराया था। बांग्लादेश-पाक की जंग में मिग से 500 किलोग्राम वजनी बम पाक एयरबेस पर गिराया गया था।