नई दिल्ली (एडीएए)।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर भारत नेशनल हाईवे का निर्माण करा रहा है। इस हाईवे पर न सिर्फ परिवहन होगा बल्कि सैन्य तैयारियों के मद्देनजर भी इसे बनाया जा रहा है। फ्रंटियर हाईवे एलएसी पर देश की क्षमता को मजबूती भी देगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस चार लेन के इस हाईवे के एलएसी से 40 किमी दूर होने का मतलब है कि यहां कभी भी लड़ाकू या परिवहन विमान उतारे जा सकते हैं। टैंक और सेना के भारी वाहन भी इस हाईवे पर आसानी से पहुंच सकते हैं। सेना की यहां तक पहुंच पहले की अपेक्षा काफी हद ते आसान हो जाएगी। हाईवे से कई ऐसे छोटे मार्ग हैं जो एलएसी की ओर जाते हैं। यह सेना और अन्य सुरक्षाबलों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से बनाए हैं। इस नेशनल हाईवे के बनने के बाद भारत भी चीन की तर्ज पर सैन्य कॉलोनियां या गांव हाईवे के निकट बसा सकता है। घर या ठहरने के इंतजाम इसलिए भी बनाए जाते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर सेना और सैन्य सामानों को सुरक्षित कराया जा सके। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सूत्रों के अनुसार, इस फ्रंटियर हाईवे के पूरा हो जाने के बाद भारत की एलएसी पर क्षमता और भी बढ़ जाएगी। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग-913 के नाम से भी जाना जाता है। यह राजमार्ग एलएसी और मैकमोहन रेखा के साथ-साथ बन रहा है और यह एलएसी से अधिकतम दूरी 40 किलोमीटर है।