नई दिल्ली (एडीनए)।
जल्द ही लड़ाकू विमानों की बड़ी खेप भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनेगी। इसके लिए केंद्र सरकार की सहमति मिल गई है। संसदीय समिति ने संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा कि वायुसेना के लिए लड़ाकू विमानों की खरीद प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। जानकारों की मानें तो इस समय वायुसेना लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है। समिति ने एचएएल को तेजस का उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया। रिपोर्ट में सरकार से प्राप्त सूचना के आधार पर कहा गया कि वायुसेना के लिए लड़ाकू विमानों की 42 स्वाड्रन स्वीकृत हैं। वर्तमान समय में सिर्फ 31 स्वाड्रन ही सक्रिय हैं। एक स्क्वाड्रन में 18 लड़ाकू विमान होते हैं।
वायुसेना की मौजूदा स्क्वाड्रन में मिग-21, मिग-23 और मिग-27 तथा कुछ अन्य श्रेणी के पुराने विमान भी हैं, जिन्हें जल्दी बेड़े से हटाना होगा। इससे विमानों की संख्या और कम हो जाएगी। पूर्व में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वायुसेना के लिए 114 लड़ाकू विमानों की खरीद का प्रस्ताव लंबे समय से अटका हुआ है। अमेरिका समेत कई देश भारत को अपने लड़ाकू विमान बेचने के इच्छुक हैं लेकिन सरकार अभी ठोस निर्णय नहीं ले सकी है।