नई दिल्ली (एडीएनए)।
भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल युद्धपोत इक्षक 80 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री से बनाया गया है। यह भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया 102वां जहाज है। इक्षक की सुपुर्दगी भारत सरकार और नौसेना द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' को दिए गए प्रोत्साहन का एक जीवंत प्रमाण है। इसका निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स कोलकाता द्वारा किया गया। इक्षक का निर्माण भारतीय नौवहन रजिस्टर के नियमों के अनुसार किया गया है। इस युद्धपोत के जरिये गहरे समुद्री क्षेत्रों का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना भी है। इसके जरिए बंदरगाहों, नौवहन मार्गों और समुद्री चैनलों की सही तरीके से मैपिंग की जाती है। यह युद्धपोत कई तकनीकियों से युक्त भी है। इसकी कुल लंबाई 110 मीटर है। इसमें लगे डाटा अधिग्रहण और प्रोसेसिंग सिस्टम इसकी खासियतें बढ़ाते हैं। सबसे खास बात यह है कि यह युद्धपोत दो डीजल इंजनों से चलता है। इक्षक पहला एसवीएल जहाज है, जिसमें महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेष प्रकार की आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है।