कानपुर (एडीएनए)।
दुश्मनों के इलाकों में घुसकर कानपुर का एलिमिनेटर तबाही मचाने को तैयार है। जीपीएस लॉक करने के बावजूद दुश्मन इस तबाही से बच नहीं पाएगा। क्योंकि आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप एरोसिस एविएशन ने एक ऐसा कामिकेज ड्रोन विकसित किया है, जो जीपीएस के बिना ही सटीक स्थान पर हमला करने में सक्षम है। यह कामिकेज ड्रोन पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। कुछ दिन पहले आईआईटी ने इसे दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में लांच किया है। जिसे भारतीय सेना से जुड़े अधिकारियों ने काफी सराहा है। क्योंकि कामिकेज ड्रोन को लेकर आ रही मुख्य चुनौती का इसमें समाधान किया गया है। अभी तक सभी कामिकेज ड्रोन जीपीएस तकनीक के आधार पर ही टारगेट अचीव करते हैं।
भू-भाग मिलान नेविगेशन पर काम करेगा कामिकेज ड्रोन
एरोसिस एविएशन के फाउंडर अविनाश ने बताया कि यह कामिकेज ड्रोन जीपीएस सिग्नल के बजाए भू-भाग मिलान नेविगेशन तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक में स्मार्ट नेविगेशन सिस्टम कामिकेज ड्रोन में अपलोड किया जाता है। जिसमें संबंधित इलाकों का पूरा मानचित्र होता है। कामिकेज ड्रोन उड़ान के दौरान इन मानचित्रों के आधार पर भू-भाग की तुलना करता है। जिससे वह जीपीएस के बिना ही सटीक नेविगेशन कर लेता है। भू-भाग को देखने के लिए ड्रोन में ऑनबोर्ड कैमरा और सेंसर लगाए गए हैं।
हर मौसम में है कारगर
अविनाश ने बताया कि यह कामिकेज ड्रोन दिन-रात और हर मौसम में कारगर है। यह जीपीएस जाम होने या उपग्रह से उचित आंकड़ें न मिलने के बावजूद सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। इस ड्रोन को जाम या स्पूफ नहीं किया जा सकता है। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल के अनुसार संस्थान के सी3आई हब के स्टार्टअप एरोसिस एविएशन ने जीपीएस इंडिपेंडेंट कामिकेज ड्रोन एलिमिनेटर विकसित किया है। जो भारतीय सेना को मजबूती प्रदान करेगा। क्योंकि वर्तमान के अधिकतर कामिकेज ड्रोन जीपीएस आधारित है, जिससे दुश्मन उन्हें जाम कर नुकसान पहुंचा सकता है। मगर एलिमिनेटर को जाम नहीं किया जा सकता।