दिल्ली (एडीएनए) । दुनिया भर में हवाई यात्रा अब आम बात हो चुकी है, लेकिन आज भी ऐसे कई एयरपोर्ट्स हैं जहाँ लैंडिंग करना पायलट्स के लिए किसी एडवेंचर और रोमांचक मिशन से कम नहीं। नेपाल का तेन्ज़िंग-हिलेरी एयरपोर्ट और भूटान का परो एयरपोर्ट केवल कुछ खास पायलट्स के लिए ही सुरक्षित माने जाते हैं। वहीं कैरिबियन का जुआनचो एयरपोर्ट महज 400 मीटर रनवे के साथ दुनिया का सबसे छोटा कमर्शियल एयरपोर्ट है। दूसरी ओर, सऊदी अरब का किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट 780 वर्ग किमी में फैला है वहीं, एयरलाइन्स की दुनिया में नई तकनीकें, लक्जरी सुविधाएँ और ग्रीन एविएशन की दिशा में तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं। आइए जानते हैं हवाई यात्रा की दुनिया की कुछ सबसे अहम बातें।
सबसे रिस्की एयरपोर्ट्स: जहाँ हर लैंडिंग एक चुनौती
तेन्ज़िंग-हिलेरी एयरपोर्ट, नेपाल: लुकला एयरपोर्ट नेपाल के काठमांडू में है। यहां से उड़ान भरना और लैंड करना दोनों की बेहद खतरनाक हैं। एवरेस्ट की तलहटी में बसा यह एयरपोर्ट अपने केवल 527 मीटर लंबे रनवे और पहाड़ी भूगोल के चलते बेहद खतरनाक माना जाता है। यहां का रनवे बेहद छोटा है। इसकी लम्बाई 1500 फीट है और यह 9 हजार फीट की ऊंचाई पर है। यहां मौसम भी बदलता रहता है, कोहरा और अंधेरा होने के चलते उड़ान भरने और लैंड करने के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। तेज हवा के चलते देर सुबह में यहां उड़ान बंद होती है। एक साल में यहां से करीब एक लाख यात्री उड़ान भरते हैं। इस रनवे से उड़ान भरने के लिए पायलटों के लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं। पायलट के पास कम से कम 100 शॉर्ट लैंडिंग और टेकऑफ एक्सपीरियंस होना चाहिए। कम से कम एक साल का अनुभव नेपाल में उड़ान भरने का भी होना चाहिए। इसके साथ ही लुकला रनवे से कम से कम 10 प्लेन उड़ाने का अनुभव होना चाहिए।
परो एयरपोर्ट, भूटान: पारो एयरपोर्ट पारो शहर से करीब 6 किमी दूर है, जो चारों तरफ ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसकी लम्बाई 6500 फीट है, जबकि समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 2235 मीटर है। यहां रात में उड़ान भरना मना है। इसकी शुरुआत 1968 में हुई थी, भारतीय सेना ने अपने उपयोग के लिए इसकी शुरुआत की थी। यहां से उड़ान भरने के लिए पायलटों के लिए कुछ जरूरी शर्तें रखी गई हैं। जिन पायलटों ने विशेष ट्रेनिंग ली है, वही उड़ान भर सकते हैं। एक साल में 1.8 लाख यात्री यहां से उड़ान भरते हैं। सिर्फ कुछ गिने-चुने पायलट्स ही यहाँ उतर सकते हैं क्योंकि यह एयरपोर्ट घाटी के बीच बसा है और रनवे तक पहुँचने के लिए तीखे मोड़ों से गुजरना पड़ता है।
जुआनचो एयरपोर्ट, सबा (कैरिबियन): इसे दुनिया का सबसे छोटा कमर्शियल एयरपोर्ट माना जाता है। कैरेबियाई द्वीप साबा के जुआंचो एयरपोर्ट का रनवे बेहद खतरनाक है। यह दुनिया का सबसे छोटा कमर्शियल रनवे है, जो चट्टान पर बना है। यह तीन तरफ से समुद्र से घिरा है। इस रनवे की लंबाई करीब 396 मीटर है, जबकि आम रनवे 2000 से 2500 मीटर लंबे होते हैं।
कोर्टिस एयरपोर्ट, सेंट बार्थेलेमी: समुद्र और पहाड़ियों के बीच बसा यह एयरपोर्ट छोटे प्रोपेलर विमानों के लिए ही उपयुक्त है। कोर्टिस एयरपोर्ट की सबसे खास विशेषताओं में से एक इसका छोटा रनवे है, जिसकी लंबाई सिर्फ़ 2,100 फ़ीट (640 मीटर) है। यह ज़्यादातर वाणिज्यिक हवाई अड्डों के रनवे से काफ़ी छोटा है, जो आम तौर पर 8,000 से 12,000 फ़ीट तक होते हैं। रनवे की लंबाई के कारण विमान सुरक्षित रूप से उतर नहीं पाते और उड़ान नहीं भर पाते, जिससे यह केवल छोटे STOL (शॉर्ट टेकऑफ़ और लैंडिंग) विमानों के लिए उपयुक्त है।
मैट्रा कैन्यन एयरपोर्ट, अमेरिका (अब बंद): ग्रैंड कैन्यन के बीचोंबीच स्थित यह एयरपोर्ट कभी दुनिया का सबसे अनोखा और खतरनाक एयरपोर्ट माना जाता था।
दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे छोटा एयरपोर्ट
किसी भी एयरपोर्ट पर हवाई जहाज के उड़ान भरने से लेकर उसे नीचे उतारने तक रनवे की एक सीमा होती है। उसी के मुताबिक, किसी भी एयरपोर्ट का निर्माण किया जाता है। सुरक्षा के लिहाज से इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। दुनियाभर के ज्यादातर एयरपोर्ट का रनवे कम से कम 1.8 किलोमीटर से लेकर 4 किलोमीटर तक होता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे एयरपोर्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके रनवे की लंबाई महज 400 मीटर ही है. यहां एक छोटी सी चूक का मतलब बड़ा हादसा. प्लेन सीधे समुद्र में समा जाएगा।
सबसे छोटा एयरपोर्ट
जुआनचो ई. यरास्क्विन एयरपोर्ट, सबा द्वीपः रनवे मात्र 400 मीटर
जुआनचो ई. यरास्क्विन हवाई अड्डा नीदरलैंड के सबा आइलैंड पर है। इस कमर्सियल एयरपोर्ट का रनवे न सिर्फ छोटा है, बल्कि समुद्र और चट्टानों के किनारे बना है। ऐसे में एक छोटी सी गलती की वजह से प्लेन के समुद्र में गिरने का जोखिम बना रहता है। कमजोर दिलवाले पायलट यहां पर प्लेन को लैंड नहीं करवा सकते, क्योंकि यहां लैंडिंग के लिए केवल बहादुरी ही नहीं, बल्कि कौशल की भी आवश्यकता होती है. इसे दुनिया में सबसे डरावनी लैंडिंग माना जाता है।
सबसे बड़ा एयरपोर्ट
किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सऊदी अरबः किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम सऊदी अरब के किंग फहद बिन अब्दुलअजीज अल सऊदी के नाम पर रखा गया है। 780 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल, जो न्यूयॉर्क सिटी से भी बड़ा है। सबसे बड़ी और अत्याधुनिक एयरलाइन्स आज की एयरलाइन्स न केवल दुनिया भर में लोगों को जोड़ रही हैं, बल्कि उनमें तकनीक, सेवा और लक्जरी का स्तर भी नई ऊँचाइयों पर है। इसमें छह टर्मिनल और मस्जिद, रॉयल टर्मिनल, विशाल पार्किंग जैसी सुविधाएँ हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस एयरपोर्ट की मदद से हर साल लगभग 2 करोड़ लोग ट्रैवल करते हैं।
सबसे व्यस्त एयरपोर्ट
दुनिया का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा अटलांटा हर्ट्सफील्ड-जैक्सन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (ATL) है। 2024 में, अटलांटा को 5.2 मिलियन सीटों के साथ सबसे व्यस्त वैश्विक हवाई अड्डे का दर्जा दिया गया था। दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI) भी दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है और 2024 में 9वें स्थान पर था।
दुनिया का सबसे ऊँचा एयरपोर्ट
दुनिया का सबसे ऊँचा हवाई अड्डा दाओचेंग याडिंग हवाई अड्डा है, जो चीन के सिचुआन प्रांत में स्थित है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 4,411 मीटर है। ये एयरपोर्ट्स अपने आकार, स्थान और विशेषताओं के कारण विमानन जगत में प्रसिद्ध हैं।