नई दिल्ली (एडीएनए)
हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों को मोबाइल फोन को 'फ्लाइट मोड' (विमान मोड) में रखने की सलाह दी जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों जरूरी है? अगर आप इस नियम का पालन नहीं करते हैं, तो क्या हो सकता है?
क्यों जरूरी है फ्लाइट मोड?
विमान के उपकरणों में हस्तक्षेप: मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियो तरंगें विमान के नेविगेशन सिस्टम और कम्युनिकेशन उपकरणों में बाधा डाल सकती हैं। आधुनिक विमानों में इस तरह का जोखिम अब कम रह गया है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह नियम बनाया गया है और जरूरी है।
सेल्युलर नेटवर्क की समस्या: जब विमान हजारों फीट की ऊंचाई पर होता है, तो मोबाइल फोन जमीन पर मौजूद कई टावरों को सिग्नल भेजने की कोशिश करता है, जिससे नेटवर्क में अव्यवस्था फैल सकती है। इसी लिए दुनिया भर की एविएशन रेगुलेटरी संस्थाएं, जैसे DGCA (भारत) और FAA (अमेरिका), यात्रियों को फ्लाइट मोड का उपयोग करने का निर्देश देती हैं।
फ्लाइट मोड ऑन नहीं किया तो क्या होगा?
विमान के पायलट्स को रेडियो संचार में दिक्कत हो सकती है। कुछ मामलों में विमान के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका बढ़ सकती है, हालांकि ऐसा होना बेहद दुर्लभ है। केबिन क्रू द्वारा यात्रियों को चेतावनी दी जा सकती है, और गंभीर मामलों में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
क्या वाई-फाई या ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर सकते हैं?
हां! कई एयरलाइंस अब इन-फ्लाइट वाई-फाई सेवा देती हैं, जिसका उपयोग फ्लाइट मोड चालू रहने पर भी किया जा सकता है। ब्लूटूथ डिवाइस (जैसे हेडफोन) भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं, बशर्ते एयरलाइन की गाइडलाइन्स में इसकी अनुमति हो।