भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच विपक्ष की राजनीति पर सवाल
दिल्ली (एडीएनए)।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। पुलवामा हमले, बालाकोट एयर स्ट्राइक और एबटाबाद की गुप्त कार्रवाइयों के बाद से दोनों देशों के रिश्ते लगातार खटास भरे बने हुए हैं। ऐसे में, सरकार की रणनीति और विपक्ष की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
सरकार का रुख:देश सुरक्षित है, सेना को पूरा समर्थन
केंद्र सरकार लगातार यह संदेश दे रही है कि देश की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि "सेना को पूरी छूट है, और देश उनके साथ खड़ा है।" सरकार ने विपक्ष से भी एकजुटता दिखाने की अपील की है।
विपक्ष की दुविधा: समर्थन या विरोध?
विपक्षी दलों के सामने जटिल स्थिति है। एक तरफ, देशभक्ति का नारा देकर सरकार के साथ खड़ा होना है, तो दूसरी तरफ सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने का दबाव भी है।
- कांग्रेस ने सरकार के साथ खड़े होने का ऐलान किया है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाया है कि "क्या सरकार सैन्य रणनीति में विफल तो नहीं?"
- शिवसेना और एनसीपी जैसे दलों ने सीधे तौर पर सरकार का समर्थन किया है।
- आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) जैसे क्षेत्रीय दलों ने भी सेना के प्रति समर्थन जताया है, लेकिन राजनीतिक मुद्दों पर चुप्पी नहीं साधी है।